31 दिसंबर को बर्फबारी के बीच जश्‍न मनाने को 70 फीसदी होटल बुक

पहाड़ों की रानी मसूरी में नववर्ष का जश्न मनाना पर्यटकों की पहली पसंद रहती है। इसके लिए होटलों में बुकिंग भी जोर पकड़ रही है। अब तक नए साल की पूर्व संध्या के लिए करीब 60 से 70 प्रतिशत तक बुकिंग हो चुकी है। वहीं, मसूरी विंटरलाइन कार्निवल के सभी मनोरंजक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रद होने से यहां पहुंचे पर्यटक निराश हुए हैं, लेकिन हिमपात की संभावना को देखते हुए वे खुश भी हैं।

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि 30 व 31 दिसंबर के लिए होटलों में अभी तक 60 से 70 प्रतिशत तक बुकिंग हो चुकी है। अगर शनिवार को अच्छा हिमपात हो जाता है तो बुकिंग में उछाल आ सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार बुकिंग कम होने का एक कारण यह भी है कि नया साल वीकएंड पर नहीं पड़ रहा है।

वहीं, होटल जेपी रेजिडेंसी मनोर के महाप्रबंधक अभिषेक नारंग बताते हैं कि अभी तक उनके होटल में भी 70 प्रतिशत बुकिंग ही हुई है। होटल विष्णु पैलेस के निदेशक आशीष गायेल बताते हैं कि विगत वर्ष नववर्ष की पूर्व संध्या पर काफी कमरे खाली रह गए थे। इस बार नए साल पर हिमपात की संभावनाएं बन रही है, जिससे पर्यटकों की आमद में वृद्धि होने की संभावनाएं हैं।

महंगा पड़ेगा जंगल में महफिल सजाना, रेड अलर्ट जारी

कोटद्वार। नए साल के जश्न के दौरान यदि वन क्षेत्र में महफिल सजाई तो कड़ी कार्यवाही तय है। दरअसल, वन व वन्यजीवों की सुरक्षा के चलते लैंसडौन वन प्रभाग व कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर) में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस दौरान वन सीमा से सटे क्षेत्रों में नए साल के जश्न मनाने वालों पर वन विभाग की कड़ी निगाह रहेगी।

जैसे-जैसे दिसंबर माह समाप्ति की ओर है, वन विभाग में गश्त तेज होने लगी है। नए साल के जश्त के दौरान वन क्षेत्र में कोई घटना न हो, इसके लिए वन महकमा वन क्षेत्र में कड़ी नजर रखे हुए है। बिना इजाजत के वन क्षेत्र में प्रवेश करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल, जहां लैंसडौन वन प्रभाग कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) व राजाजी नेशनल पार्क के मध्य में अवस्थित है। वहीं, प्रभाग की कोटड़ी रेंज और कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग की पाखरो रेंज उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर से लगी हुई है। कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी राहुल मिश्रा ने बताया कि बिजनौर जिले की सीमा से लगे क्षेत्र में गश्त तेज कर दी गई है।

बगैर अनुमति किसी को वन क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं है। इधर, लैंसडौन वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी आकाश गंगवार ने बताया कि विभागीय विश्राम गृहों को बाहरी व्यक्ति को रात्रि विश्राम के लिए नहीं दिया जा रहा है। बताया कि लैंसडौन वन प्रभाग व कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट की संयुक्त टीम पूरे क्षेत्र में कड़ी नजर रखे हुए है। क्षेत्र में वाहनों की चैकिंग तेज कर दी गई है। साथ ही पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर निगाह रखी गई है।

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