मसूरी में इतने साल बाद बर्फबारी हुई शुरू, पढ़ें खबर…
मसूरी में 25 साल बाद दिसंबर के शुरुआती दिनों में बर्फबारी हुई। दिसंबर के महीने में तो पांच साल बाद बर्फबारी के दीदार हुए। पिछले पांच साल से जनवरी में जाकर हल्की-फुल्की बर्फ पड़ रही थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, बर्फबारी का सीधा फायदा खेती-किसानी और बागवानी को होगा।
इसके साथ ही, पर्यटन भी बढ़ेगा। वरिष्ठ इतिहासकार जयप्रकाश उत्तराखंडी ने बताया, मसूरी में दिसंबर के शुरुआती दिनों में करीब 25 साल बाद बर्फ गिरी है। दिसंबर के महीने में पांच साल पहले बर्फ गिरी थी। उधर, दून में दिनभर सर्द हवाएं चलीं।
देर रात दो बजे बाद हिमपात, बाहर निकले पर्यटक
मसूरी में रविवार और सोमवार की मध्य रात्रि करीब दो बजे लालटिब्बा और कैमल बैक रोड सहित तमाम हिस्सों में हिमपात से व्यापारियों के चेहरे खिल उठे। पर, सुबह धूप खिलने के बाद बर्फ पिघल गई। देश-विदेश से आए पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेते दिखे। लोगों को अब दिसंबर में अच्छी बर्फबारी की उम्मीद है। इससे धनोल्टी और कैंपटी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के काश्तकारों को लाभ मिलेगा। सोमवार सुबह हल्की धूप खिली थी।
चकराता का न्यूनतम तापमान माइनस दो डिग्री तक पहुंचा
चकराता। चकराता और इसके आसपास क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर रविवार देर शाम हुई बर्फबारी से पहाड़ियों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। सोमवार दोपहर बाद फिर बर्फबारी हुई। लोगों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ा।
बर्फ पड़ने के बाद चकराता का न्यूनतम तापमान सोमवार को माइनस दो डिग्री सेल्सियस पर आ गया। अधिकतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस के करीब रिकॉर्ड किया गया। रविवार रात तक चकराता में आधा इंच, देवबन, खडंबा, मुंडाली, लोहारी, लोखंडी, चौरानी, व्यास शिखर पर दो इंच और कुछ जगह इससे ज्यादा बर्फबारी हुई।
होटलों में इस बार अच्छी बुकिंग की उम्मीद में व्यापारी
होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि हल्की बर्फबारी के बाद से कुछ बुकिंग आनी शुरू हो गई हैं। उम्मीद है कि इस वीकेंड पर होटलों में अच्छी बुकिंग रहेगी। व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि हल्की-फुल्की बर्फबारी की सूचना के बाद पर्यटक मसूरी पहुंचने लगे हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में व्यापार बढ़ेगा। सोमवार दोपहर करीब दो बजे आसमान में बादल छा गए थे। शहर में दिनभर सर्द हवाएं चलती रहीं। पर्यटक गर्म कपड़ों से पैक दिखे।