ONGC से सेवानिवृत्त इंजीनियर की बेरहमी से हत्या, जांच में जुटी पुलिस

जीएमएस रोड स्थित पाश कालोनी अलकनंदा एन्क्लेव में अज्ञात व्यक्ति ने ओएनजीसी से सेवानिवृत्त अधिकारी की चाकू से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी। बुजुर्ग का खून से लथपथ शव बाथरूम में मिला। बुजुर्ग घर पर अकेले रहते थे।

पुलिस का दावा है कि घर से कोई सामान चोरी नहीं हुआ है। बुजुर्ग की हत्या क्यों की गई, इसका अभी स्पष्ट कारण पता नहीं लग पाया है। घटना के समय घर के अंदर दो से तीन लोग थे, ऐसे में आशंका है उन्होंने ही हत्या की घटना को अंजाम दिया।

ओएनजीसी से वरिष्ठ इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त अशोक गर्ग उम्र 72 वर्ष अलकनंदा एन्क्लेव के 25 नंबर मकान में रहते थे। उनकी दो बेटियां हैं, इनमें से एक चेन्नई में रहती हैं, जिनके पति एयर फोर्स में हैं, जबकि दूसरी बेटी गुरुग्राम में रहती हैं, उनके पति विदेश में रहते हैं। अशोक गर्ग घर पर अकेले रहते थे।

सोमवार रात करीब साढ़े बजे अज्ञात व्यक्ति ने उनकी चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी। उनके पेट में चाकू से कई वार किए गए, जिसके कारण उनका पेट आधा फट गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घाेषित कर दिया।

घटना की सूचना पर पहुंचे एसएसपी

घटना की सूचना पर एसएसपी अजय सिंह, एसपी सिटी प्रमोद कुमार सहित वसंत विहार, शहर कोतवाल व एसओजी की टीम मौके पर पहुंची। फारेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। मृतक अशोक गर्ग का खून से लथपथ शव बाथरूम में पड़ा हुआ था। मकान के पीछे दीवार छोटी है, ऐसे में आशंका है कि आरोपित वहीं से फरार हो गए।

वारदात के समय घर पर मौजूद थे दो से तीन लोग

बताया जा रहा है कि जिस समय बुजुर्ग की हत्या की गई उससे पहले घर पर दो से तीन लोग मौजूद थे। वहां टेबिल पर दो चाय के कप व बिस्कुट भी रखे हुए थे। ऐसे में पुलिस को शक है कि उन्होंने ही हत्या को घटना को अंजाम दिया है। घर पर सीसीटीवी कैमरे न लगे होने के कारण पुलिस ने आसपास के घरों के सीसीटीवी फुटेज ख्ंगाले। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बुजुर्ग की हत्या क्यों की गई।

पांच साल पहले हुई थी पत्नी की मौत

बुजुर्ग अशोक गर्ग की पत्नी की मृत्यु पांच साल पहले हुई थी, जिसके बाद वह घर पर अकेले रहते थे। उनकी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है, जोकि अपने पति के साथ रहती हैं। हालांकि वह समय-समय पर देहरादून आती रहती थी जबकि बुजुर्ग अशोक गर्ग भी बेटियों के पास जाते रहते थे। घटना की सूचना पाकर दोनों बेटियां देहरादून के लिए निकल पड़ी हैं।

30 नवंबर को किराएदारों ने घर किया था खाली

अशोक गर्ग ने पहले मकान किराए पर दिया हुआ था। किराएदारों ने 30 नवंबर को ही घर खाली किया था। ऐसे में बुजुर्ग ने दोबारा किराएदार रखने के लिए गेट पर बोर्ड भी लगाया हुआ था। मौजूदा समय में वह घर पर अकेले ही रह रहे थे। पड़ोसियों की मानें तो अशोक गर्ग का व्यवहार बहुत अच्छा था और वह सभी से प्यार से बात करते थे। उनकी हत्या क्यों की गई इसके बारे में बताने को कोई भी तैयार नहीं है।

घर पर चल रहा था सफेदी का काम

बुजुर्ग इन दिनों घर पर रंग रोगन का काम भी करवा रहे थे, ऐसे में श्रमिक घर पर काम करने के लिए आते थे। ऐसे में पुलिस अब उनका श्रमिकों का भी पता लगा रही है जोकि इन दिनों रंग रोगन का काम कर रहे थे। ऐसे में श्रमिक भी शक के दायरे में आ गए हैं। पुलिस ने मकान के आसपास जिन घरों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनकी फुटेज चेक की है, कि शाम के समय घर में कौन-कौन दाखिल हुआ।

नियमित आता था कोरियर, उन पर भी शक

अशोक गर्ग कोरियर से काफी सामान मंगाते थे। प्रतिदिन कोरियर के कर्मचारी घर पर डिलीवरी करने के लिए आते थे। सोमवार को भी बुजुर्ग के घर पर कोरियर आया था। ऐसे में पुलिस कोरियर के एंगल पर भी जांच कर रही है कि पिछले दो-तीन दिनों में कोरियर डिलीवरी करने के लिए कौन-कौन आया था। वहीं सोमवार को किसने कोरियर डिलीवर किया।

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