धीमी विकास दर पर सीतारमण का जवाब, तीसरी तिमाही में पटरी पर आ जाएगी ग्रोथ रेट

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर, 2024 में देश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार सुस्त हो कर 5.4 फीसदी निश्चित तौर पर दर्ज की गई है लेकिन देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास दोनों यह मानते हैं कि तीसरी तिमाही के बाद ग्रोथ रेट रफ्तार पकड़ लेगी।

निर्मला सीतारमण यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विकास दर में दर्ज सुस्ती पर अपनी बात कह रही थी। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही की गिरावट को क्रमिक मानने से इनकार किया है। इस गिरावट की भरपाई तीसरी तिमाही में होने की उम्मीद जताते हुए सीतारमण ने कहा है कि दूसरी तिमाही में सार्वजनिक व्यय में कमी होने, पूंजीगत खर्चे के नहीं होने जैसे कुछ कारणों से विकास दर कम हुई है। मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर, 2024) में इस सभी की भरपाई हो जाएगी।

भारत ग्रोथ रेट की सालाना पूर्वानुमान में कोई बड़ी गिरावट नहीं होने जा रही। अगले वित्त वर्ष और इसके बाद के वर्षों में भी भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा। विकास दर की गिरावट पहली तिमाही में आम चुनाव होने और पूंजीगत खर्चे में कमी होने की वजह से भी हुआ है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

सीतारमण के इस बयान से कुछ ही घंटे पहले आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए सालाना आर्थिक विकास दर के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटा कर 6.6 फीसदी कर दिया। हालांकि उन्होंने भी यह स्वीकार किया की तीसरी तिमाही में विकास की रफ्तार तेज होगी।

डॉ. दास ने कहा कि जो भी संकेतक हैं वह बताते हैं कि दूसरी तिमाही में जो गिरावट हुई है वह अब और नीचे नहीं जाने वाली। अब इसमें सुधार के साफ संकेत है। कृषि सेक्टर और औद्योगिक गतिविधियों की स्थिति पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) से बेहतर है।

ग्रामीण खपत में तेजी है, सरकार की खपत भी बढ़ रही है, निवेश में भी सुधार के लक्षण हैं। निर्यात में हमने 17.2 फीसदी की तेजी देखी है। सर्विस सेक्टर का निर्यात भी 22.3 फीसदी से बढ़ा है। ऐसे में तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 6.9 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.2 फीसदी है।

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