छठ व्रत में अर्ध्य के समय तालाब में डूबने से 12 साल के बेटे की मौत
थाना क्षेत्र के हेमजा गांव में गुरुवार को छठ व्रत (Chhath Puja 2024) के पहले अर्ध्य के समय तालाब में डूबने से 12 वर्षीय एक किशोर गोलू कुमार की मौत हो गई। वह गांव के अजय यादव का नाती था, जिसका पैतृक गांव बाराचट्टी है। उसकी मां छठ व्रत करने के लिए सभी बच्चों के साथ अपने मायके आई थी।
ग्रामीण समाजसेवी संतोष कुमार एवं सूर्य देव प्रसाद ने बताया कि तालाब में किसी सरकारी योजना से खुदाई किए जाने के बाद उसका किनारे को सीधा खड़ा छोड़ दिया गया है। ढलान नहीं रहने के कारण छठ व्रतियों की भीड़ में संभवतः बच्चा अलग होकर घूम रहा होगा और पैर फिसलने के कारण उसमें गिरकर डूब गया, जिसे किसी ने नहीं देखा।
ग्रामीणों को पानी में डूबा हुआ मिला गोलू कुमार
अर्ध्य देने के समय जब उसकी मां उसे उपासना में शामिल करने के लिए खोजने लगी तो कहीं नहीं दिखा। स्थल पर हो-हल्ला होने लगा, फिर ग्रामीण पानी के अंदर उसे और बच्चे को अचेतावस्था में पाया। इसके बाद उसे आनन-फानन में वजीरगंज सीएचसी ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
मौत की सूचना पाकर पूरे हेमजा गांव में कोहराम मच गया। छठ व्रत उल्लास से गम में बदल गया। छठ गीतों के धुन की जगह रुदन क्रंदन एवं महिलाओं की चित्कार निकलने लगी। उसके गम में पूरे गांव की छठव्रतियों ने शुक्रवार की सुबह उदयाचल सूर्य को अर्ध्य नहीं दिया। वहां का पूरा त्यौहार स्थगित कर दिया गया।
‘हमारी गोद सूनी कर दी’
छठव्रती सुशीला देवी, रीता देवी, कमला देवी, धर्मशिला देवी, नीलम देवी, मनीषा एवं अन्य ने कहा कि हम अपने संतान की सुख एवं संतान प्राप्ति के लिए सूर्योपासना के इस पवित्र महापर्व को मानते हैं, लेकिन उन्होंने दिए हुए संतान को छीनकर हमारी गोद सूनी कर दी। एक मां की हृदय विदारक चित्कार से सभी ग्रामीण माताएं मर्माहत हैं, जिसके कारण हम सुबह का अर्ध्य नहीं दे सके।
अंचल अधिकारी निकिता कुमारी एवं थाना अध्यक्ष वेंकटेश्वर ओझा ने बताया कि उस घाट की कोई सूचना प्रशासन को नहीं थी जिसके कारण सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं किया जा सका था। घटना की भी जानकारी आज मिल रही है, तो इसकी जांच कराकर आवश्यक सहयोग एवं कार्रवाई की जाएगी।