ईरान ने दागी 181 बैलिस्टिक मिसाइलें, इजरायल ने किया विफल

एक अक्टूबर यानी मंगलवार को ईरान ने इजरायल पर एक साथ 181 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। मगर ईरान का यह हमला विफल हो गया। इसकी वजह है कि इतने बड़े हमले में इजरायल को खास नुकसान नहीं पहुंचा। राजधानी तेल अवीव में सिर्फ दो लोग घायल हुए हैं।

वहीं इजरायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में एक फिलिस्तीनी नागरिक की जान गई। कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा है। मगर व्यापक नुकसान की कोई खबर नहीं है। इजरायल ने ईरान के हमले से पहले ही खास प्लान तैयार कर लिया था। इसी प्लान के सहारे उसने अपने देश में भारी तबाही होने से बचाई है।

सबसे पहले अमेरिका ने किया अलर्ट

ईरानी हमले से पहले ही अमेरिका ने इजरायल को अलर्ट कर दिया था। अमेरिका ने इजरायल को सूचना दी कि ईरान मंगलवार को बड़ा हमला कर सकता है। यह हमला अप्रैल हुए हमले से भी घातक होगा। अमेरिका से यह इनपुट मिलने के बाद इजरायल ने तबाही से बचने का प्लान बनाना शुरू किया।

इजरायल ने ऐसे रोकी बड़ी तबाही

  • अमेरिका से अलर्ट मिलने के बाद इजरायल ने अपने नागरिकों को सतर्क किया। उन्हें बंकरों के आस-पास रहने का निर्देश दिया, ताकि हमले की स्थिति में तुरंत बंकरों में शरण ली जा सके।
  • आईडीएफ के होम फ्रंट कमांड ने उन स्कूलों और ऑफिसों को बंद कर दिया, जहां बंकरों की व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा समुद्र तटों को भी बंद करने का आदेश दिया गया था। खुले स्थान पर किसी भी सभा में 30 से अधिक और इमारत के अंदर 300 से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई थी।
  • मंगलवार की शाम इजरायल के होम फ्रंट कमांड ने सेंट्रल इजरायल के गुश डैन में लोगों को तुरंत बंकरों में जाने की चेतावनी दी। लोगों से अगली सूचना तक बाहर नहीं आने को कहा गया। ईरानी हमला थमने के बाद होम फ्रंट ने सभी नागरिकों को बंकरों से बाहर निकलने का संदेश उनके मोबाइल फोन पर भेजा।
  • अमेरिका ने पहले ही बता दिया था कि ईरान तीन सैन्य हवाई ठिकानों और तेल अवीव में स्थित एक खुफिया मुख्यालय को निशाना बनाकर हमला करेगा। हमले से पहले ही इजरायल ने खुफिया मुख्यालय को खाली करा लिया था। इससे बड़ी तबाही मचने से इजरायल ने बचा लिया।
  • अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक हमले से पहले ईरान ने भी कई देशों को अपने हमले का टाइम और यह कितना भयानक होगा.. इसकी सूचना दे दी थी। इससे पहले अप्रैल में भी ईरान ने इजरायल पर 300 मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। उस वक्त भी ईरान ने अपने हमले की सूचना कई देशों को दी थी।

अधिकांश मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया

इजरायल ने ईरानी मिसाइलों को अपने एयर डिफेंस सिस्टम से भी रोका। कई मिसाइलों को मार गिराने में अमेरिका ने भी मदद की। इजरायली प्रधानमंत्री ने खुद कहा कि एयर डिफेंस सिस्टम ने देश को बड़ी तबाही से बचाया है।

इजरायल ने ईरानी मिसाइलों को गिराने में डेविड स्लिंग, एरो-2 और एरो-3 इंटरसेप्टर का इस्तेमाल किया। डेविड स्लिंग मध्यम दूरी की मिसाइलों और रॉकेट को हवा में मरने में सक्षम है। वहीं एरो-3 इंटरसेप्टर 2,400 किमी दूर से दागी गई मिसाइल को हवा में तबाह कर देता है। हालांकि कुछ मिसाइलें एयर डिफेंस सिस्टम भी नहीं रोक पाया।

कितना नुकसान हुआ?

ईरान के मिसाइल हमले में इजरायल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिका और इजरायल दोनों ने इस हमले को विफल बताया है। हालांकि इजरायली सेना ने यह स्वीकार किया कि ईरान की कुछ बैलिस्टिक मिसाइलों ने एक एयरबेस को निशाना बनाया है। हालांकि वायुसेना के ऑपरेशन में इस हमले का कोई असर नहीं हुआ है। एयरबेस को दफ्तर को नुकसान जरूर पहुंचा है।

एयरबेस पर तैनात लड़ाकू विमान, ड्रोन, अन्य विमान और युद्ध सामग्री सुरक्षित है। इजरायल की चिकित्सा सेवा के मुताबिक राजधानी तेल अवीव में सिर्फ दो लोगों को चोट आई है। ईरानी मिसाइल ने मध्य इजराइल के गदेरा में स्थित एक स्कूल को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि यहां कोई घायल नहीं हुआ है।

ईरान ने नहीं दागी हाइपरसोनिक मिसाइल

इजरायली सेना का कहना है कि ईरान ने मंगलवार को हाइपरसोनिक मिसाइलें नहीं दागीं। हालांकि इसके उलट ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने दावा किया था कि उसने पहली बार फतेह हाइपरसोनिक मिसाइलों का इजरायल के खिलाफ इस्तेमाल किया है। इजरायल का यह भी कहना है कि ईरान के पास हाइपरसोनिक मिसाइल नहीं हैं।

अमेरिका बढ़ा रहा सैन्य जमावड़ा

पेंटागन के मुताबिक अमेरिका मध्य-पूर्व में हजारों सैनिकों की तैनाती करने जा रहा है। पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने कहा कि मध्य-पूर्व में पहले से ही तैनात यूनिटों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। अमेरिका क्षेत्र में एफ-16, एफ-15ई, ए-10, एफ-22 लड़ाकू विमान को भी तैनात करेगा। उधर, अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने एलान किया कि मध्य-पूर्व में युद्धक विमानों के तीन अतिरिक्त स्क्वाड्रन जल्द पहुंचने वाले हैं।

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