दिल्ली पुलिस ने गांजा तस्कर गिरोह का किया भंडाफोड़, नाबालिग सहित तीन लोग गिरफ्तार

दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में गांजे की तस्करी करने वाले उत्तर-पूर्वी के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के एक नाबालिग सहित तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनसे भारी मात्रा में गांजा बरामद किया गया है। पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि ने बताया कि बालिग आरोपितों की पहचान

नागालैंड के दीमापुर स्थित लुकुटो हाल सफदरजंग एन्क्लेव के हुमायूंपुर गांव निवासी अतो सुमी और नागालैंड के कोहिमा निवासी आर केचियेलो सेब के रूप में हुई है। पुलिस ने इनसे 16.590 किलोग्राम गांजा व मोबाइल बरामद किया है।

इसके अलावा पुलिस (Delhi Police) ने गांजा तस्करी से इकट्ठा किए 37.45 लाख रुपये को फ्रीज कराया है। पुलिस इनसे दिल्ली में गांजा खरीदने वाले आरोपित की भी तलाश कर रही है।

डाक के जरिए पार्सल में दिल्ली भेजा जाता था गांजा

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपित शिलांग से गांजा लाकर दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई कर रहे थे। यह डाक व हवाई मार्ग से दिल्ली गांजा पहुंचाते थे। गांजे की एवज में रकम को आनलाइन लेते थे।

आरोपितों ने रकम लेन देन के लिए मेघालय शिलांग के आठ बैंक खातों का इस्तेमाल किया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 12 किलोग्राम गांजे के दो पार्सल वसंत कुंज पोस्ट ऑफिस से मिले हैं। यह आरोपित अतो सुमी के नाम से बुक किए गए थे। गिरोह करीब छह महीने से एनसीआर में तस्करी कर रहा था।

ऑनलाइन डिमांड पर एनसीआर में होती थी तस्करी

पुलिस को पिछले काफी समय से सफदरजंग एन्क्लेव में गांजा तस्करी की सूचना मिल रही थी। इस पर पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने एक टीम गठित की। पुलिस टीम ने हुमायूंपुर में छापेमारी कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया।

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्हें मेघालय के शिलांग से कावी नाम के आरोपित ने पार्सल के जरिए गांजा भेजा था। शातिरों ने बताया कि वह दिल्ली, गुरुग्राम सहित पूरे एनसीआर में आनलाइन डिमांड पर गांजे की तस्करी करते हैं।

अलग-अलग नामों से भेजे जाते थे पार्सल

की आपूर्ति करते हैं किन्माऊ ट्राई नाम का मास्टरमाइंड दिल्ली में आरोपी अतो सुमी को गांजा पहुंचाता है। पुलिस को अतो सुमी के मोबाइल डेटा से पता चला था कि उसने वसंत कुंज के डाकघर से गांजा लिया था। आरोपित ने गांजे के पार्सल पर अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया था।

पुलिस को उसके मोबाइल नंबरों के साथ डाकघर की सभी पर्चियां मिली हैं। इसके अलावा पिछले तीन महीने में विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर संदिग्ध ट्रैकिंग आईडी का भी पता चला।

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