मुकेश बोरा के मददगार BJP-कांग्रेसियों पर कसेगा शिकंजा, नेता-अफसरों पर भी होगा पुलिस ऐक्शन

किसी विवाद अथवा अपराध में किसी राजनैतिक दल के पदाधिकारी या कार्यकर्ता का नाम उजागर होने पर विरोधी दल सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर मुखर हो जाते हैं। कार्रवाई की मांग को लेकर अक्सर धरना-प्रदर्शन तक शुरू हो जाते हैं। 

ऐसे में दुष्कर्म एवं पॉक्सो के आरोपी भाजपा के निष्कासित मुकेश बोरा को बचाने और भगाने में मदद करने के आरोप में भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस नेता की संलिप्तता सामने आने से सियासी गलियारों में हैरत है।

नैनीताल दुग्ध संघ के फरार चल रहे आरोपी अध्यक्ष मुकेश बोरा के खिलाफ लालकुआं कोतवाली में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने चार और आरोपियों के नाम जोड़े हैं। इनमें एक नैनीताल जिले के धारी की ब्लॉक प्रमुख आशा रानी भी हैं। 

आशा रानी ने भाजपा में रहकर राजनीति के मैदान में क्षेत्र पंचायत सदस्य से लेकर ब्लॉक प्रमुख तक का सफर तय किया है। उनके पति नंदन प्रसाद आर्य का नाम भी पुलिस ने मुकदमे में शामिल किया है, जो परिवहन कर अधिकारी के पद पर जसपुर में तैनात हैं। 

इनके अलावा उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़े भीमताल के निवर्तमान पालिका अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चनौतिया का नाम भी इस मुकदमे में नामजद होने के साथ सामने आ चुका है। चौथे आरोपी सुरेंद्र सिंह परिहार बनाए गए हैं, जो नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं से जुड़े ट्रांसपोर्टर ऑपरेटर हैं। 

बोरा के मददगारों में दो प्रमुख राजनैतिक दलों से जुड़े लोगों के नाम उजागर होने से राजनैतिक चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। मुकेश बोरा की पैठ भाजपा से लेकर कांग्रेस तक कितनी मजबूत रही है, यह पुलिस जांच के साथ परत-दर-परत सामने आ रहा है। 

बोरा की राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारियों तक बेहतर पैठ और संपर्कों की चर्चा पहले से ही होती रही है। बोरा को उत्तराखंड से फरार होने और पुलिस की दबिश के दौरान उसे छिपने में मदद करने वालों में शामिल लोगों में भाजपा से जुड़ीं ब्लॉक प्रमुख आशा रानी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) सदस्य एवं भीमताल के निवर्तमान पालिकाध्यक्ष देवेंद्र सिंह चनौतिया के नामों राजनैतिक माहौल को गरमा दिया है। 

दुग्ध संघ अध्यक्ष बोरा पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा ने उससे किनारा कर लिया था। यहां तक कि उसकी पार्टी की सदस्यता भी लॉक कर दी गई थी। डेरी फैडरेशन के प्रशासक पद से उसे मुकदमा दर्ज होने के दिन ही निष्कासित कर दिया गया था। वहीं, कांग्रेस ने बोरा की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था।

नंदन प्रसाद 18 सितंबर से चिकित्सा अवकाश पर

आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि नंदन प्रसाद 18 सितंबर से चिकित्सा अवकाश पर हैं। उन्होंने प्रार्थना पत्र में 18 सितंबर 2024 से तबीयत ठीक होने तक अवकाश पर रहने की बात लिखी है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रार्थना पत्र भेजने की तारीख 21 सितंबर बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने चिकित्सा प्रमाण पत्र में काशीपुर के एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल की ओपीडी का पर्चा संलग्न किया है। पुलिस इस मेडिकल प्रमाण पत्र की भी जांच करा रही है।

शह देने वाले नेता-अफसरों की बढ़ेगी मुसीबत

भाजपा से निष्कासित दुष्कर्म व पॉक्सो का आरोपी नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा एक सितंबर से फरार है। एसओजी समेत पुलिस की छह से ज्यादा टीमें उसे पकड़ने में नाकाम साबित हो रही हैं। 

दूसरी तरफ मुकेश बोरा की मदद करने और उसे शह देने वालों में कुछ सफेदपोश से लेकर अधिकारी और दुग्धसंघ से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। इन लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। पुलिस कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

मुकेश बोरा के फरार होने के बाद से मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इधर कभी छिपने में तो कभी उसके फरार होने में मदद करने में पुलिस के सामने हर रोज कोई नया नाम सामने आ रहा है। 

हैरत की बात यह है कि जिन लोगों के नाम अभी तक सामने आए हैं, उनमें सफेदपोश और सरकारी मुलाजिम शामिल हैं। यहां तक कि सोमवार को दुग्ध संघ से जुड़े कुछ बड़े लोगों के नाम भी सामने आए हैं। 

पुलिस ने इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इनकी दिक्कतें बढ़ना तय है। पुलिस ने साफ शब्दों में कहा है कि बोरा की मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। हर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसने आरोपी को भागने में मदद की है, या कर रहा है।

तीन दिन पूछताछ के बाद आर्या पर केस दर्ज

आरोपी मुकेश बोरा के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म और पॉक्सो के मामले में धारी ब्लॉक प्रमुख आशा रानी के पति परिवहन कर अधिकारी नंदन प्रसाद आर्या का नाम 19 सितंबर की रात तब सामने आया जब आरोपी बोरा टैक्सी से उत्तराखंड की सीमा से बाहर भाग रहा था।

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने परिवहन कर अधिकारी को तभी से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी। इसके बाद से हर रोज आरोपी को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही थी और शाम को सुपुर्दगी देकर घर भेज दिया जा रहा था। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की जांच भी शुरू कर दी है।

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