उत्तराखंड के पहाड़ों में भारी बारिश के बाद भारी नुकसान, लोगों की बढ़ी मुश्किलें

उत्तराखंड में पहाड़ों में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है। चमोली जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। केदारनाथ मार्ग बाधित होने से सोमवार को पैदल यात्रा रोकनी पड़ी। चमोली जिले में कर्णप्रयाग के समीप सिमली बाजार में भारी नुकसान हुआ है। 

रविवार रात दो गदेरों में आए उफान से मलबा लोगों के घरों और दुकानों में घुस गया। कर्णप्रयाग-रानीखेत और ग्वालदम हाईवे पांच घंटे बंद रहे। नीती बार्डर हाईवे पर फरकिया गांव और बाम्पा के पास अतिवृष्टि से 300 मीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। 

सड़क निर्माण में लगी मशीनें भी मलबे में दब र्गइं। एक निर्माणाधीन पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। बदरीनाथ हाईवे भी कई स्थानों पर बाधित रहा। पैदल मार्ग पर मलबा आने से रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने सोनप्रयाग से आगे केदारनाथ यात्रियों की आवाजाही रोक दी। भारी बारिश से राज्य में सोमवार को 147 सड़कें बंद हुईं।

देहरादून में बारिश से कई जगह नुकसान

देहरादून शहर के विभिन्न इलाकों में रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक बारिश हुई। इससे कई जगह जलभराव हुआ है। बदहाल सड़कों से वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आपदा कंट्रोल रूम में करीब तीस शिकायतें दर्ज हुईं। 

कर्मचारियों को पानी निकासी के लिए मशक्कत करनी पड़ी। उधर, नंदा की चौकी-बिधौली मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। इसे वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर रूट डायवर्ट कर दिया गया है। इधर, डीएल रोड, रायपुर रोड के अलावा विभिन्न इलाकों में सड़क की मरम्मत के लिए लगी टाइलें और डामर तक उखड़ गए। 

जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने लोनिवि पर मरम्मत के नाम पर महज खानापूर्ति का आरोप लगाया। डीएल रोड निवासी उज्ज्वल घोष ने बताया कि हाल में डीएल रोड पर स्मार्ट सिटी और लोनिवि ने टाइलें लगाईं और डामर बिछाई थी।

हाथीबड़कला में पुल क्षतिग्रस्त हाथीबड़कला के पुल को भी बारिश से नुकसान हुआ है। निवर्तमान पार्षद भूपेंद्र कठैत ने बताया कि पुल मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की बजाय विभाग बजट खपाने को पेंटिंग करवा रहा है। उन्होंने कहा कि वीआईपी रोड पर कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।

आजीविका मिशन कार्यालय में भरा पानी आईटी पार्क के आगे तेरह गांव में आजीविका मिशन कार्यालय के परिसर में भी पानी जमा हो गया। इससे स्टाफ कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। माजरा के अलावा शहर में कई स्कूलों के परिसर में भी जलभराव हुआ। इस कारण छात्रों और शिक्षकों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई।

शास्त्री नगर कांवली में घरों में घुसा बारिश का पानी

कांवली स्थित शास्त्रत्त्ीनगर कॉलोनी में बारिश के बाद पानी लोगों के घरों में आ गया। लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। इसके माध्यम से उन्होंने बताया कि बल्लूपुर, बल्लीवाला, कांवली रोड का पानी शास्त्रत्त्ीनगर में छोड़ने के कारण कई घरों में मलबा आने से आए दिन नुकसान उठाना पड़ रहा है। मीना, सीमा, रेखा, शीतल, हेमलता, वंश, रवि ने इसके समाधान की मांग की। साथ ही, नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने का अनुरोध भी किया।

निर्माणाधीन अस्पताल से कॉलोनियों में घुसा पानी

हर्रावाला में निर्माणाधीन अस्पताल से इलाके की जल निकासी बंद होने पर यहां प्रशांत विहार और आसपास की कॉलोनियों में पानी भर गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे जलनिकासी की मांग करते आ रहे थे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब हालात यह हो गए कि बारिश में घरों में पानी घुस जा रहा है। खुदी सड़कों पर भी पानी भरने से वाहन तक नहीं निकल पा रहे हैं।

हिमज्योति एन्क्लेव में तीन फिट तक भरा पानी

रविवार देर रात शुरू हुई बारिश से शिमला बाईपास रोड स्थित हिमज्योति कॉलोनी में सोमवार तड़के बाढ़ जैसे हालात हो गए। घरों के अंदर-बाहर तीन फिट तक पानी भर गया। घरों में सामान तैरने लगा। पार्किंग में वाहन भी डूब गए। आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट सतेंद्र प्रकाश और डॉ. सीपी तिवारी के मुताबिक, ड्रेनज चोक होने की वजह से यहां हालात बिगड़े।

मसूरी में बस स्टैंड का पुश्ता ढहा, बिजली आपूर्ति बाधित

मसूरी। मैसानिक लॉज बस स्टैंड के पास विगत दिनों क्षतिग्रस्त पुश्ता दोबारा बनाने की तैयारी थी कि रविवार रात मूसलाधार बारिश से पुश्ते का दूसरा हिस्सा भी गिर गया। इससे सटे होमस्टे के एक हिस्से पर दरारें पड़ गईं। वहीं, बिजली आपूर्ति 20 घंटे से बाधित है। होटलों में पर्यटकों को अंधेरे में रात काटनी पड़ी। ऊर्जा निगम के एसडीओ पंकज थपलियाल ने बताया कि ट्रांसफार्मर की ट्राली टूट गई है। जेसीबी को लगाकर मौके से मलबा हटाया जा रहा है।

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