अमेरिकी सरकार ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निजी विमान को किया जब्त, जानिए वजह…

अमेरिका और वेनेजुएला के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। अब अमेरिकी सरकार ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरौ के निजी विमान को जब्त कर लिया। विमान को यह निर्धारित करने के बाद जब्त कर लिया गया है कि इसकी खरीद अन्य आपराधिक मुद्दों के अलावा अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन है। बताया जा रहा कि इस विमान को फ्लोरिडा लाया गया है।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि बाइडन प्रशासन मादुरौ पर हालिया राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में कथित धांधली करने को लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। 

डसॉल्ट फाल्कन 900EX जब्त

अधिकारी ने बताया कि वेनेजुएला में अधिकारी विमान को रखरखाव कार्य के लिए डोमिनिकन गणराज्य लेकर आए थे। अमेरिका ने न्यायिक चैनलों के माध्यम से इसकी जब्ती के लिए अनुरोध किया था। इस पर डोमिनिकन अधिकारियों ने सहयोग किया। मादुरौ के लग्जरी विमान डसॉल्ट फाल्कन 900EX को डोमिनिकन रिपब्लिक में जब्त किया गया। ये कैरिबियन सागर में स्थित लैटिन अमेरिकी देश है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी सोमवार को विमान अमेरिका लेकर चले गए।

पहचान छिपाकर लिया विमान

अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा, ‘न्याय विभाग ने एक विमान जब्त किया है, जिसे लेकर हमारा आरोप है कि इसे एक शेल कंपनी के जरिए अवैध रूप से 1.3 करोड़ डॉलर में खरीदा गया। निकोलस मादुरौ और उनके साथियों की ओर से इस्तेमाल के लिए इसे अमेरिका से तस्करी कर लाया गया था।’

विमान ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइट रडार 24 के मुताबिक, विमान सोमवार की सुबह सैंटो डोमिंगो से फोर्ट लॉडरडेल के लिए उड़ा।

यह है मामला

अमेरिका ने कहा कि 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में मादुरौ से जुड़े लोगों ने विमान की अवैध खरीद में अपनी भागीदारी छिपाने के लिए कथित तौर पर कैरेबियाई शेल कंपनी का इस्तेमाल किया। अप्रैल 2023 में विमान को अवैध रूप से अमेरिका से कैरेबियन के जरिए वेनेजुएला में निर्यात किया गया था। मई 2023 के बाद से यह निजी विमान वेनेजुएला में विशेष रूप से एक सैन्य अड्डे से दूसरे सैन्य अड्डे के लिए उड़ान भरता रहा। वेनेजुएला में 28 जुलाई को चुनावों में मादुरो को विजेता घोषित किया गया। उनकी जीत के बाद से ही देश में विरोध प्रदर्शन हुए।

विमान जब्त करना डकैती जैसा

वेनेजुएला की सरकार ने विमान जब्त होने की बात कबूली है। उन्होंने अमेरिकी सरकार के इस कदम को डकैती करार दिया है। अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका ने फिर एक अपराध किया है। उन्होंने उस विमान को जब्त कर लिया है, जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति करते हैं। वे जबरदस्ती अपने कदम को उचित ठहरा रहे हैं।

अमेरिका और वेनेजुएला में तकरार

वेनेजुएला और अमेरिका के बीच कई दशकों से राजनीतिक मतभेद रहे हैं। वेनेजुएला, अमेरिकी की पूंजीवादी और विदेश नीतियों को लेकर आलोचना करता है तो वहीं, अमेरिका, वेनेजुएला में मानवाधिकार के उल्लंघन पर नाराजगी जताता रहा है। लगभग 100 साल पहले वेनेज़ुएला में तेल भंडारों की खोज हुई थी। तेल की खोज होने के 20 साल बाद ही वेनेजुएला दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक बन गया। उसे लैटिन अमेरिका का सऊदी अरब कहा जाने लगा।

1950 के दशक में वेनेजुएला दुनिया का चौथा सबसे धनी देश था। मगर, आज इस देश की हालत खराब हो चुकी है। देश की 75 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रही है। पिछले सात साल में करीब 75 लाख लोग देश छोड़कर चले गए हैं।

दरअसल, वेनेजुएला लगभग पूरी तरह से तेल पर निर्भर था। 80 के दशक में तेल की कीमतें गिरने लगीं। कीमतों में गिरावट ने वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को भी नीचे ला दिया। सरकारी नीतियों की वजह से वेनेजुएला अपना कर्ज चुकाने में फेल होने लगा। बाद में तेल के दाम बढ़े भी तो वह इसका फायदा नहीं उठा सका। 2015 में अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से वेनेजुएला की हालत और खराब हो गई है।

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