मनीष सिसोदिया के बाद के. कविता को SC से राहत, दिल्ली शराब घोटाले में इन शर्तों पर मिली जमानत

दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े ईडी और सीबीआई केस में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता (K Kavitha) की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy Case) में बीआरएस नेता के. कविता को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें के. कविता जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस में 10-10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने का निर्देश दिया।

के. कविता को इन शर्तों पर मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए के कविता को जमानत दे दी है। हालांकि अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों पर जमानत दी है जिसका उन्हें पालन करना होगा। वह शर्तें निम्न हैं-

  • अदालत ने उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ न करने को कहा है।
  • इसके साथ ही अदालत ने उन्हें गवाहों को भी प्रभावित न करने को कहा है।
  • दोनों केस में 10-10 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी गई।
  • पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा करना होगा।

15 मार्च को ईडी ने किया था गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 46 वर्षीय के. कविता को इसी साल 15 मार्च को हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके करीब एक महीने बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वह तब से न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में थीं। 

हाईकोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका

इससे पहले, जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने के. कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने इसके पीछे यह तर्क दिया था कि वह प्रथम दृष्टया मुख्य आरोपी हैं और जमानत का कोई आधार नहीं हो सकता क्योंकि जांच “महत्वपूर्ण चरण” में है। कोर्ट ने महिला होने के आधार पर भी याचिका खारिज कर दी थी और कहा कि कविता एक शिक्षित व्यक्ति और पूर्व सांसद हैं, इसलिए उन्हें ‘कमजोर’ नहीं माना जा सकता।

सिसोदिया को 17 महीने बाद मिली थी जमानत

उल्लेखनीय है कि इसी मामले में बीती 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी। इससे पहले वह लगभग 17 महीने न्यायिक हिरासत में जेल में रहे।

सीबीआई ने उन्हें पिछले साल 26 फरवरी को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने उन्हें उसी साल 9 मार्च को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था।

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