बंदी की पत्नी का बनाया फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट, ऐसे हुआ हैरान करने वाला खुलासा
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी की मुहर लगाकर जेल में बंद एक बंदी की पत्नी का फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्र बना दिया गया। सहसपुर थाना क्षेत्र के एक मामले में इस मेडिकल को जमानत के लिए लगाया गया।
कोर्ट में सुनवाई से पहले जब पुलिस ने मेडिकल का सत्यापन कराया तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। पॉक्सो के एक मामले में एक व्यक्ति जेल में बंद है। उसकी पत्नी ने वकील के माध्यम से कोर्ट में जमानत की अर्जी के साथ दून अस्पताल की मुहर लगा खुद का मेडिकल लगाया था।
इसमें महिला को सर्जरी की जरूरत बताई गई थी। सहसपुर पुलिस द्वारा अस्पताल से संपर्क करने पर एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने इमरजेंसी से इसकी आख्या मांगी। एमएस के मुताबिक, पर्चा जरूर अस्पताल का बना है, लेकिन रजिस्टर में मेडिकल का प्रमाण नहीं मिला।
मेडिकल पर किसी डॉक्टर का नाम और साइन नहीं थे। पुलिस को जानकारी दी कि यह मेडिकल दून अस्पताल से जारी नहीं हुआ है।
मुहर पर डॉक्टर का पंजीकरण भी दर्ज होगा
दून मेडिकल कॉलेज में बंदी की पत्नी का फर्जी मेडिकल बनने का मामला सामने आने की बात से हड़कंप मचा है। मेडिकल यहां के किसी डॉक्टर-कर्मचारी ने बनाया या मुहर का इस्तेमाल करके बाहर से, यह पुष्टि नहीं हो सकी है।
लेकिन दून अस्पताल के एक विभाग के पर्चे बने होने से शक गहरा रहा है। इमरजेंसी प्रभारी डॉ. एनएस बिष्ट ने सभी ईएमओ और जेआर को फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक पत्र के माध्यम से निर्देश जारी किए हैं।
इमरजेंसी में दलालों का रहता है जमावड़ा: दून अस्पताल की इमरजेंसी में मेडिकल के नाम पर वसूली के कई मामले सामने आए हैं। पूर्व में एक डॉक्टर को यहां से हटाया भी गया था। यहां पर मेडिकल के लिए दलालों का जमावड़ा रहता है।
हटवाई थी सार्वजनिक मुहर: पूर्व में कई शिकायतें सामने आने के बाद दून की इमरजेंसी में सार्वजनिक मुहर पूर्व में अफसरों ने हटवा दी थी और सभी ईएमओ के नाम से मुहर बनवाई गई थी।
ये दिए निर्देश
सभी ईएमओ एवं जेआर को अपनी सुस्पष्ट मुहर अपने पंजीकरण नंबर के साथ रखेंगे। मरीज के पर्चे एवं मेडिकल आदि में इसका ही प्रयोग होगा। अपनी मुहर की छाप एवं हस्ताक्षर के तीन नमूने इंचार्ज के पास जमा कराएंगे। मुहर खो जाने पर तुरंत पुलिस रिपोर्ट कराने के लिए प्रभारी को सूचना देंगे।