दिल्ली: हीट स्ट्रोक से आरएमएल अस्पताल में भर्ती हुए मरीज की मौत
राजधानी में पड़ रही भीषण गर्मी अब जानलेवा हो गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दो दिन पहले भर्ती हुए युवक की मौत हो गई है। उसे हीट स्ट्रोक यूनिट से वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन बुधवार देर शाम उसकी हालत खराब हो गई और उसे बचाया नहीं जा सका।
डॉक्टर ने हीट स्ट्रोक से मौत होने की बात से किया इनकार
उसके स्वजन का पता नहीं चल सका है। शव को आरएमएल की मोर्चरी में रखा गया है। डॉक्टर सीधे तौर पर हीट स्ट्रोक से मौत होने की बात से इनकार कर रहे हैं। आरएमएल अस्पताल (RML Hospital) के एक चिकित्सक ने बताया कि 28 मई को मरीज को हीट स्ट्रोक के बाद भर्ती कराया गया था। वह आनंद पर्वत क्षेत्र में पाइप की फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता था।
मृतक दरभंगा, बिहार का रहने वाला
उसने पता दरभंगा बिहार (Bihar News) बताया था। जब उसे भर्ती कराया गया था, उसके शरीर का तापमान 107 डिग्री था। इसके बाद सीधे उसे हीट स्ट्रोक यूनिट में ले जाया गया था। यहां आइस टब में रखकर उसका उपचार किया गया था। एक दिन में ही वह सामान्य हो गया था। बाद में उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
यहां उसकी हालत बिगड़ी और शाम को मौत हो गई। अस्पताल के मेडिसिन विभाग की प्रमुख डा. सीमा ने बताया कि हीट स्ट्रोक यूनिट में को कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है। दो दिन पहले मरीज आया था और उसे उपचार के बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। उसकी मौत के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
अगर उसे कोई किडनी, लीवर या हृदय से संबंधित कोई दूसरी बीमारी नहीं थी, तभी मौत को हीट स्ट्रोक के चलते होना माना जा सकता है। उन्होंने बताया कि बुधवार को तीन मरीज भर्ती हुए थे। इनमें एक को उपचार के बाद शाम को छुट्टी दे दी गई थी।
दो मरीजों की स्थिति खराब थी। उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था और अब वे ठीक हैं। उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। डा. सीमा ने बताया कि मेडिसिन इमरजेंसी में बहुत गंभीर मरीजों को ही रखा जाता है, उसके बाद उन्हें शिफ्ट कर दिया जाता है।
कैसे होता है हीट स्ट्रोक
आरएमएल के मेडिसिन विभाग के डा. अमलेंदु यादव ने कहा कि हीट स्ट्रोक गर्मी से होने वाली सबसे गंभीर बीमारी है। यह तब होता है जब शरीर अब अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकता। शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है, पसीना तंत्र विफल हो जाता है और शरीर ठंडा होने में असमर्थ हो जाता है। जब हीट स्ट्रोक होता है, तो शरीर का तापमान 10 से 15 मिनट के भीतर 106°F या इससे अधिक तक बढ़ सकता है।