कालाष्टमी के दिन पूजा के समय न करें ये गलतियां, वरना समस्याओं से घिर जाएगा जीवन
हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कालाष्टमी भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव, शिवजी के रुद्रावतार माने जाते हैं। वैशाख माह की कालाष्टमी 1 मई, बुधवार को मनाई जाएगी। कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। अन्यथा आपके जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती है। आइए, जानते हैं कि कालाष्टमी के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कालाष्टमी पर करें इन नियमों का पालन
- कालाष्टमी के दिन किसी को भी अपशब्द न कहें और न ही झूठ बोलें। ऐसा करने से काल भैरव नाराज हो सकते हैं।
- कालाष्टमी का दिन बेहद पवित्र माना जाता है। ऐसे में इस दिन मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए।
कालाष्टमी के दिन नुकीली चीजों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कोई बड़ी हानि होती है।कालाष्टमी के दिन असहाय लोगों, जानवरों या पक्षियों को परेशान न करें। ऐसा करने से जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है।
मासिक कालाष्टमी पूजा विधि
मासिक कालाष्टमी के दिन सुबह दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर, नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनें और सूर्य देव को अर्घ्य दें, इसके बाद भगवान काल भैरव की पूजा करें और भगवान शिव का अभिषेक करें। भगवान भैरव के सामने दीपक जलाएं। इस दौरान शिव चालीसा, शिव स्तोत्र का पाठ करें और शिव मंत्रों का जाप करें। अंत में भगवान शिव की आरती करें। निशा काल में दोबारा भगवान भैरव की विधि-विधान से पूजा करें।