लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने उत्तराखंड में साधा यह समीकरण, पढ़ें पूरी खबर….
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है। महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेजने के पीछे भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले कई समीकरणों को साधा है। दरअसल महेंद्र भट्ट पार्टी के गढ़वाल के बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं।
साथ ही जिस चमोली जिले से वह आते हैं वहां से राज्य सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने यह फैसला लेकर न केवल सभी को चौकाया है। बल्कि एक बड़े वर्ग को साधने की भी कोशिश की है।
लोस चुनाव तक निभाएंगे दोहरी भूमिका
पार्टी सूत्रों ने बताया कि महेंद्र भट्ट राज्यसभा सांसद के साथ ही फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में भी रहेंगे। लोकसभा चुनाव के लिए अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। ऐसे में चुनावों तक प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में बदलाव की उम्मीद कम ही है।
अनिल बलूनी को लोकसभा भेजे जाने की चर्चा
भाजपा सूत्रों के अनुसार अनिल बलूनी को राज्यसभा का दूसरा कार्यकाल न दिए जाने के पीछे उन्हें लोकसभा भेजे जाना भी एक वजह हो सकती है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है की बलूनी को पौड़ी सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई भी कुछ कहने को राजी नहीं है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई राजनीति में एंट्री
महेंद्र भट्ट का जन्म चमोली के ब्राह्मण थाला गांव में हुआ। प्राथमिक शिक्षा गांव से लेनी के बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने ऋषिकेश से की। राम जन्म भूमि आन्दोलन में 15 दिन और राज्य निर्माण आन्दोलन में पांच दिनों के लिए जेल गए।
भट्ट ने 1991 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद ज्वाइन की और उसके सहसचिव बने। 1993 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद विभाग संगठन मंत्री टिहरी बने। वर्ष 2000 से 2002 तक वह भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2005 में उन्हें भाजपा का उत्तराखण्ड प्रदेश सचिव बनाया गया।
दो बार विधायक रह चुके भट्ट
2002 में वह नन्दप्रयाग के विधायक बने। 2010 से 2012 तक वह राज्यमंत्री के रूप में उपाध्यक्ष राज्यस्तरीय लघु सिंचाई अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष रहे। 2017 में फिर बद्रीनाथ विधान सभा से विधायक चुने गए। इस दौरान उन्हें उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड और विधानसभा की प्राकलन समिति व आवास समिति के भी सदस्य भी रहे।