महाराष्ट्र के राज्यपाल ने की शिक्षा विभाग से बच्चों के लिए स्कूल का समय बदलने की अपील, जानिए वजह…

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने शिक्षा विभाग से बच्चों के लिए स्कूल के समय बदलने पर विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि आजकल बच्चे देर रात तक इंटरनेट पर समय बिताते हैं। उन्हें अगले दिन स्कूल के लिए जल्दी उठना पड़ता है। इससे बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है। उन्होंने स्कूल का समय बदलने पर विचार करने का आग्रह किया। राज्यपाल राजभवन में सीएम एकनाथ शिंदे और स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की उपस्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न पहलों के शुभारंभ करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

बैस ने कहा कि हर किसी की नींद का पैटर्न प्रभावित हुआ है और छात्र भी इससे अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग छात्रों को उनकी नीं पूरी करने में मदद कर सकता है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षण मनोरंजक होना चाहिए और पाठ्यपुस्तकों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब स्कूल बैग बच्चों के वजन से अधिक भारी है, स्कूलों को ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां छात्रों को स्कूल में किताबें ले जाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि कुछ स्कूलों ने छात्रों को अपनी किताबें स्कूल में ही छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।

बैस ने कहा कि यह सच है कि छात्र मोबाइल पर काफी समय बिताते हैं। उन्होंने कहा कि किताबों को ऑडियो और वीडियो के रूप में ऑनलाइन पेश किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने राज्य के ‘रीडिंग मूवमेंट’ अभियान की सराहना करते हुए पुस्तकालयों को पुनर्जीवित करने और नई किताबें जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पुस्तकालयों को अपनाने और मातृभाषा में पढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। 

राज्यपाल और सीएम एकनाथ शिंदे ने संयुक्त रूप से स्कूल शिक्षा विभाग की ‘माई स्कूल, ब्यूटीफुल स्कूल’, ‘स्टोरी-टेलिंग सैटरडे’, ‘एंजॉयेबल रीडिंग’, ‘एडॉप्ट स्कूल एक्टिविटी’, ‘माई स्कूल, माई बैकयार्ड’ और ‘स्वच्छता मॉनिटर’ जैसी विभिन्न पहल शुरू की। साथ ही बीएमसी द्वारा संचालित नए स्कूल भवनों का उद्घाटन भी किया।

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