बिजली बिलों को लेकर अब उपभोक्ताओं को लगेगा झटका, UPCL की यह हो रही तैयारी
उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। बिजली बिलों को चुकाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी हुए हैं। बिजली का बिल नहीं चुकाने और बाद में विद्युत लोकपाल से बिल माफ करने वालों को अब झटका लगेगा।
बिजली के बिल विद्युत लोकपाल से अब आसानी से माफ नहीं हो सकेंगे। दरअसल, अभी तक बिजली के मीटर प्रमाणित नहीं होने का हवाला देकर विद्युत लोकपाल से बिल माफ करा लिए जाते थे पर अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
यूपीसीएल ने अपनी देहरादून मीटर टेस्ट लैब को एनएबीएल से प्रमाणित करा लिया है। यूपीसीएल समय-समय पर छोटे-बड़े बिजली कनेक्शनों की जांच करता है। जिन उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग संदिग्ध नजर आती है, वहां चेक मीटर लगाया जाता है।
चेक मीटर में रीडिंग कम पाए जाने पर बीते छह महीने से नई रीडिंग तय करते हुए जुर्माने समेत नया बिल भेजा जाता है। दुकान, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, उद्योग के मामले में ये बिल लाखों से लेकर करोड़ों रुपये तक बैठते हैं।
बीते कुछ वर्षों में ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं ने विद्युत लोकपाल से करीब बीस करोड़ रुपये के बिल माफ करा लिए। वो भी तक जबकि इन मामलों में विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच, यूपीसीएल के पक्ष में फैसला दे चुका था।
बिल माफ करने के पीछे विद्युत लोकपाल का तर्क था कि यूपीसीएल की मीटर टेस्ट लैब एनएबीएल प्रमाणित नहीं है। ऐसे में यहां से प्रमाणित मीटर की रीडिंग को सही नहीं माना जा सकता।
उपभोक्ताओं पर ही पड़ रही मार
विद्युत लोकपाल से जिन लोगों के बिल माफ होते हैं, उनकी रकम को यूपीसीएल के बकाये में जुड़ जाती है। इससे यूपीसीएल का घाटा बढ़ता है और इसकी भरपाई के लिए वो प्रतिवर्ष विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजता है। ऐसे में बिल माफ होने की मार, बिजली की बढ़ी दरों के रूप में सभी उपभोक्ताओं पर पड़ती है।
यूपीसीएल ने देहरादून की मीटर टेस्ट लैब को एनएबीएल से प्रमाणित करा लिया है। इसका प्रमाणपत्र भी मिल गया है। विद्युत लोकपाल में अब मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा जाएगा। पूरा प्रयास होगा कि फैसले यूपीसीएल के पक्ष में ही आएं।
अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक, यूपीसीएल