पराली जलाने पर कृषि योजनाओं का नहीं मिलेगा लाभ, साथ में लगेगा जुर्माना
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अवनीश कुमार ने कहा कि किसानों को जागरूक होने की जरूरत है। खेतों में फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को नुकसान तो होगा ही, वहीं किसान खुद को भी बीमार कर रहे हैं। ऐसा करने वालों पर अब जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, पराली जलाने वाले किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
एसएओ प्रखंड सभागार में गुरुवार को आयोजित रबी महाभियान 2023-24 के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उपादान वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले, कार्यक्रम का शुभारंभ एसएओ अवनीश कुमार, बीडीओ सतीश कुमार, प्रभारी बीएओ अमरनाथ ठाकुर तथा केवीके के डॉ. भूषण कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करते हुए किया।
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को रबी फसल दलहन और तिलहन की खेती तथा विभाग के योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी बीएओ अमरनाथ ठाकुर ने कहा कि अब किसानों को प्रखंड कृषि कार्यालय में चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। सभी पंचायतों में कृषि कार्यालय संचालित है। वहां किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी और उसका लाभ उठाएं।
इधर, बीडीओ ने भी कृषि से होने वाले लाभ को गिनाया व किसानों को नई तकनीक से खेती करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन किसान सलाहकार रंजीत कुमार वर्मा ने किया। इस मौके पर नोडल सह कृषि समन्वयक श्रीकांत ठाकुर, सुभाष मिश्र, पुनेंद्रु कुमार, साजिद अंसारी, प्रह्लाद तिवारी, सौरभ कुमार, लेखापाल नवीन कुमार, किसान सलाहकार सरिता कुमारी, पूनम कुमारी, मूरत साह, अरविंद दुबे, प्रदीप पांडेय, बलिराम यादव, सोनू तिवारी आदि उपस्थित थे।
पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं मिली आयोजन की जानकारी
रबी महोत्सव के कार्यक्रम को लेकर पंचायत के मुखियों को इसकी सूचना नहीं दी गई थी, जिसको लेकर सभी को इसके के लिए नाराजगी रही। मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष अजीत कुमार दुबे उर्फ बाला दुबे, मुखिया राहुल जयसवाल, अनूपधर दुबे, धीरेंद्र कुमार सिंह आदि ने कहा कि कार्यक्रम को लेकर पूर्व में उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई थी। यहीं वजह है कि वे कार्यक्रम में अनुपस्थित थे।