उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र से बढ़ेंगे 20 लाख रोजगार, सीएम धामी ने बताई पूरी योजना
उत्तराखंड सरकार ने सर्विस सेक्टर की नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए उत्तराखंड में 20 लाख रोजगार के अवसर बढ़ाने और 10 लाख श्रमिकों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है। सचिवालय में मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की मौजूदगी में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि राज्य में पहली बार सर्विस सेक्टर की पॉलिसी को मंजूरी मिली है।
इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, हॉस्पिटेलिटी, वेलनेस, आईटी, डेटा सेंटर, खेल और फिल्म उद्योग आदि को शामिल किया गया है। दरअसल, केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेवा अर्थव्यवस्था में पर्यटन को छोड़कर देश में 2030 तक 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 40 फीसदी योगदान हो सकता है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार इस सेक्टर को विशेष प्राथमिकता देने जा रही है। लिहाजा सरकार ने वर्ष 2027 तक 45 हजार करोड़ जबकि 2030 तक 60 हजार करोड़ रुपये निवेश को आकर्षित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत निवेशकों के लिए सब्सिडी का भी प्रावधान किया है।
विशेष कलाकृतियों से सजेंगे बदरीनाथ-केदारनाथ
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक,धार्मिक और स्थानीय लोक परंपराओं से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। यहां विशेष प्रकार की कलाकृतियां और आर्ट इफेक्ट लगाए जाएंगे। आईएनआई डिजाइन स्टूडियो इन्हें तैयार करेगा।
मंगलवार को कैबिनेट ने स्टूडियो की परामर्शी सेवाएं लेने का निर्णय लिया है। केदारनाथ और बदरीनाथ में मास्टर प्लान के तहत विभिन्न निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। मास्टर प्लान के तहत ही यहां पर कई जगह विशेष कलाकृतियां भी लगाई जानी हैं। ये कलाकृतियां दोनों मंदिरों की पौराणिक और ऐतिहासिक जानकारी देंगी।
थर्मल पावर प्लांट चलाने के लिए सीएनजी पर छूट
कैबिनेट ने यूएसनगर में स्थित गैस आधारित पॉवर प्लांट को संचालित करने के लिए उसमें इस्तेमाल होने वाली सीएनजी पर वैट में छूट को मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव ने बताया कि यूएसनगर स्थित गैस आधारित प्लांट लिक्विफाइड गैस से चलता था। जिस पर वैट शून्य है। लेकिन यूक्रेन युद्ध की वजह से इस गैस की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। इससे पॉवर प्लांट चल नहीं पा रहा है।
इस प्लांट को अब सीएनजी से चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सीएनजी पर लगने वाले वैट में बीस प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया गया है। वैट शून्य होने के बाद इस प्लांट के संचालित होने की उम्मीद है। यह प्लांट यूक्रेन युद्ध शुरू होने के समय से ही बंद है और इस वजह से राज्य के इस प्लांट में विद्युत उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इस प्लांट के संचालित होने से राज्य में बिजली की किल्लत में कमी आने का अनुमान है।
औली पर्यटन क्षेत्र के रूप में होगा विकसित
सरकार ने औली को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय लिया है। औली में स्कीइंग डेस्टिनेशन प्लान और उसके क्रियान्वयन के लिए औली विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। किसी क्षेत्र में पर्यटन और सेवाओं में सुधार करने को समय-समय पर उत्तराखंड विशेष क्षेत्र अधिनियम के तहत राज्य सरकार विशेष पर्यटन विकास क्षेत्र घोषित करती रही है। औली सबसे लोकप्रिय स्कीइंग स्थल होने से अब वहां का व्यवस्थित विकास के साथ ही बुनियादी सुविधाएं जुटाने की तरफ सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। जोशीमठ का क्षेत्र इस प्राधिकरण से अलग रहेगा।