अदालत में खुद को ‘जनता’ बता केजरीवाल ने मांगी राहत, पढ़ें पूरी खबर…
पीएम मोदी की डिग्री को लेकर मानहानि मुकदमे का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को अहमदाबाद सेशंस कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। केजरीवाल और सिंह ने खुद को ‘जनता’ के रूप में पेश करते हुए दलील दी कि सरकार या इसके किसी अंग की ओर से नागरिकों पर मानहानि का मुकदमा नहीं किया जा सकता है। आपराधिक मुकदमे में कोर्ट की ओर से तलब किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए ‘आप’ नेताओं ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है।
पिछले सप्ताह 2 सितंबर को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज ने याचिका को अडिशनल सेशन जज जेएम ब्रह्मभट्ट को सौंपा था। हाई कोर्ट के निर्देश पर ऐसा किया गया। हाई कोर्ट ने 10 दिन के भीतर इस पर फैसला लेने को कहा है। गुजरात यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल की ओर से अहमदाबाद मजिस्ट्रेट कोर्ट में दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि मुकदमा दायर किया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल की ओर से दलील करते हुए वकील सोमनाथ वत्स ने कहा कि गुजरात यूनिवर्सिटी सरकार का एक अंग है और इसकी ओर से मानहानि का मुकदमा नहीं दायर किया जा सकता है।
वहीं, संजय सिंह की ओर से पेश हुए वकील फारुख खान ने भी कहा कि मजिस्ट्रेट कोर्ट को गुमराह किया गया और सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि सरकार नागरिकों पर मुकदमा नहीं कर सकती है, क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो मानहानि के दिन-ब-दिन मुकदमे होंगे। खान ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि राजनीतिक बढ़त के लिए टिप्पणियां की गईं थीं, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए गुजरात यूनिवर्सिटी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं है और इसलिए दलील ठीक नहीं है।
खान ने कहा, ‘अगर मुझे कुछ आशंकाएं हैं (किसी सूचना को लेकर ), भले ही मैं सही हूं या नहीं, तो क्या मैं सवाल उठाने का हकदार नहीं हूं?…अगर मेरा दोस्त दिल्ली विश्वविद्यालय, गुजरात विश्वविद्यालय, बनारस विश्वविद्यालय से डिग्री फोटोशॉप करता है, तो उसने फर्जीवाड़ा किया है, विश्वविद्यालय ने नहीं।’ गौरतलब है कि गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल और संजय सिंह ने पीएम मोदी के डिग्री के बहाने जीयू पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं।