बकरी और कबूतर चोरी के आरोप में पेड़ से लटकाकर 4 दलितों की जमकर की पिटाई, एक गिरफ्तार
महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के एक गांव में 4 दलित व्यक्तियों को पेड़ से लटकाकर पीटने का मामला सामने आया है। एक बकरी और कुछ कबूतर चुराने के संदेह में 6 लोगों ने चार दलितों को एक पेड़ से उलटा लटकाकर लाठियों से पीटा। अहमदनगर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। इसके बाद पुलिस ने शनिवार को हमले के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जबकि 5 अन्य फरार हैं। घटना के विरोध में रविवार को श्रीरामपुर तालुका के हरेगांव गांव में बंद रखा गया।
विपक्षी कांग्रेस ने इस घटना को मानवता पर एक धब्बा और भाजपा की ओर से फैलाई जा रही नफरत का नतीजा करार दिया है। 25 अगस्त को गांव के 6 लोगों का गुट 20 और 29 साल के बीच की उम्र के चार दलित व्यक्तियों के घर पहुंचा और चारों युवकों को अपने साथ चलने के लिए मजबूर किया। इन चारों युवकों को एक बकरी और कुछ कबूतर चुराने के संदेह में पेड़ से उलटा लटकाकर लाठियों से पीटा गया। अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान युवराज गलांडे, मनोज बोडाके, पप्पू पारखे, दीपक गायकवाड़, दुर्गेश वैद्य और राजू बोराज के रूप में की गई है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
आरोपियों में से एक ने इस घटना का वीडियो बनाया, जो बाद में सोशल मीडिया पर सामने आया। अधिकारी ने कहा कि घायलों को बाद में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और पीड़ितों में से एक शुभम मगाडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 364 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले को लेकर राज्य में गरमाई राजनीति
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह घटना मानवता पर कलंक है। उन्होंने मांग रखी कि सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘ऐसी घटनाएं भाजपा की ओर से अपने राजनीतिक लाभ के लिए फैलाई जा रही नफरत का नतीजा हैं।’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने सरकार पर दलितों के आत्मसम्मान की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। एनसीपी की ओर से कहा गया कि इस घटना की पूरी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।