महाराष्ट्र: सरकार के फैसले पर भड़के किसानों का नासिक में प्याज की नीलामी पर लगाई रोक
नासिक, देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क (40 percent duty on export of onion) लगा दिया है। सरकार ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करना का आदेश दिया है।
केंद्र सरकार के फैसले से देश के कई किसानों में नाराजगी है। रविवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में किसानों ने केंद्र के फैसले के विरोध में रविवार को प्याज की नीलामी रोक दी। वहीं, सोमवार को नासिक जिले में सभी कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) में अनिश्चित काल के लिए प्याज की नीलामी बंद करने का फैसला किया है।
नासिक जिले में प्याज की नीलामी पर लगी रोक
सूत्रों ने जानकारी दी कि इस फैसले के मद्देनजर सोमवार को जिले के अधिकांश एपीएमसी में प्याज की नीलामी बंद रही, जिसमें भारत का सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार लासलगांव भी शामिल है। व्यापारियों ने दावा किया कि 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के केंद्र सरकार के फैसले से प्याज उत्पादकों और इसके निर्यात पर गलत प्रभाव पड़ेगा।
नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में रविवार को प्याज की नीलामी अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानों पर प्याज लाया गया और एपीएमसी में उनकी नीलामी शुरू हुई।
सरकार अपने फैसले पर करे पुनर्विचार: संजय पिंगले
नवी मुंबई में वाशी एपीएमसी के प्याज-आलू बाजार के अध्यक्ष संजय पिंगले ने केंद्र से प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए पिंगले ने दावा किया कि सरकार के फैसले से राज्य में प्याज उत्पादकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
स्थानीय बाजार भी बंद हो जाएंगे: संजय पिंगले
संजय पिंगले ने आगे कहा, “हम किसानों के दबाव में भी हैं जो हमसे बाजार बंद करने और प्याज की बिक्री रोकने के लिए कह रहे हैं। कम से कम 10-15 संगठनों ने हमसे प्याज नहीं बेचने के लिए कहा है। पूरे नासिक जिले में आज प्याज की नीलामी बंद है। आने वाले दिनों में स्थानीय बाजार भी बंद हो जाएंगे। एपीएमसी ने भी किसानों का समर्थन करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार को दी गई गलत रिपोर्ट: पिंगले
पिंगले ने कहा,”अगर हम सरकार को 40 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करते हैं, तो जो प्याज हम 25 रुपये (प्रति किलोग्राम) निर्यात कर रहे थे, उसकी दर घटकर 15 रुपये हो जाएगी। इस दर पर हम 10 रुपये में प्याज खरीदने के लिए मजबूर होंगे, जो एक किसान की उत्पादन लागत को भी कवर नहीं करेगा।
उन्होंने दावा किया कि किसी एजेंसी ने (इस मुद्दे पर) केंद्र सरकार को ‘गलत रिपोर्ट’ दी है, और प्याज के उत्पादन पर उर्वरकों पर खर्च, श्रम लागत आदि में वृद्धि पर ध्यान नहीं दिया है।
उन्होंने आगे दावा किया,”आज भी महाराष्ट्र में 80 फीसदी और मध्य प्रदेश में 70 फीसदी प्याज का स्टॉक बाकी है।” उन्होंने आगे कहा कि कम बारिश के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ है।
यदि 10 साल पहले प्याज की कीमत 10 रुपये (प्रति किलोग्राम) थी और अब उत्पादन लागत पर विचार करने के बाद 17-18 रुपये है, तो बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, थोक बाजार में यह लगभग 25-30 रुपये और खुदरा में 35-40 रुपये है।
पीडीएस के जरिए गरीबों को प्याज दे सरकार: संजय पिंगले
पिंगले ने कहा, “सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से सरकार गरीब लोगों को प्याज उपलब्ध कराए, जैसा कि चावल और गेहूं के लिए किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “अगर आप चाहते हैं कि गरीब लोगों को सस्ती दर पर प्याज मिले, तो इसे पीडीएस के माध्यम से 2 रुपये से 10 रुपये (प्रति किलोग्राम) बेचें।”