WPI Data: महंगाई के मोर्चे पर राहत, जुलाई में थोक महंगाई दर -1.36 फीसदी रही

नई दिल्ली, महंगाई के मोर्चे पर देश के लिए खुशखबरी है। थोक महंगाई दर जुलाई में नकारात्मक 1.36 प्रतिशत रही है। यह लगातार चौथा महीना है, जब थोक महंगाई दर नकारात्मक बनी हुई है। थोक महंगाई दर में कमी आने की बड़ी वजह ईंधन के दाम में कमी आना है। हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमत में तेजी देखी गई है।

थोक महंगाई दर अप्रैल से ही नकारात्मक बनी हुई है और जून में ये -4.12 प्रतिशत थी। जबकि पिछले साल जुलाई में यह 14.07 प्रतिशत थी।

खाद्य वस्तुओं के दाम में हुई बढ़ोतरी

जुलाई में खाद्य वस्तुओं के दाम 14.25 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है, जोकि जून में महज 1.32 प्रतिशत था। ईंधन और पावर बास्केट में महंगाई दर नकारात्मक 12.79 प्रतिशत रही है। मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर जुलाई में थोक महंगाई दर -2.51 प्रतिशत रही है, जो कि जून में -2.71 प्रतिशत पर थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि महंगाई दर में गिरावट की वजह मिनरल ऑयल्स, बेसिक मेटल, केमिकल एवं केमिकल प्रोडक्ड्स, टेक्सटाइल और खाद्य वस्तुओं की कीमत में कमी आना है।

आरबीआई ने महंगाई दर के अनुमान को बढ़ाया

बीते हफ्ते हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के फैसलों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि महंगाई को लेकर काम अभी भी समाप्त नहीं हुआ है। वैश्विक अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फूड और एनर्जी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण अस्थिरता बनी हुई है। इस वजह से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई के अनुमान के बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 5.1 प्रतिशत था।

हालांकि, इस मौद्रिक नीति  में ब्याज दर में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया। रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।

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