MP: गृह प्रवेश के लिए नहीं मिली छुट्टी, डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने दिया इस्तीफा

छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने अपना इस्तीफा मध्यप्रदेश शासन को सौंप दिया है। निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को एक पत्र जारी करते हुए इस बात का जिक्र किया है कि 25 जून को बैतूल जिले के आमला में उनके घर का गृह प्रवेश कार्यक्रम होना है। जिसके लिए उन्होंने प्रशासन से छुट्टी मांगी थी लेकिन प्रशासन ने उनकी छुट्टी नामंजूर कर दी है। अपने पत्र में निशा बांगरे ने इस बात का जिक्र किया है कि इससे उनकी व्यक्तिगत और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है और इसी वजह से वह अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं। 

वर्तमान में निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। निशा बांगरे कुछ दिनों पहले तब सुर्खियों में आई थी जब बैतूल जिले की आमला विधानसभा से उनके चुनाव लड़ने की बात सामने आई थी। फोन पर बात करते हुए निशा बांगरे में इस बात की जानकारी दी है कि उनके निजी मकान का 25 जून को उद्घाटन होना है जिसके लिए उन्होंने प्रशासन को छुट्टी के लिए एक पत्र लिखा था। जिसके बाद उन्हें छुट्टी नहीं दी गई।

इसके साथ ही बौद्ध धर्म की अनुयायी निशा बांगरे ने 25 जून को बैतूल के आमला में अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन और विश्व शांति पुरस्कार पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए भी छुट्टी मांगी थी। कार्यक्रम में श्रीलंका के कानून मंत्री समेत करीब 11 देशों के सभी धर्मों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। तथागत बुद्ध की अस्थियां भी श्रीलंका से आएंगी। कार्यक्रम का आयोजन एक गैर सरकारी संगठन गगन मलिक फाउंडेशन कर रहा है।

बता दें, बीते दिनों निशा के छुट्टी की मांग वाले लेटर पर जवाब देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए पत्र में सामान्य आचरण नियम यानी कोड ऑफ कंडक्ट का हवाला देकर छुट्टी के आवेदन को नामंजूर कर दिया था। जिसके बाद निशा बांगरे ने आज इस्तीफा दिया है। फिलहाल मध्य प्रदेश शासन की तरफ से अभी तक उनका का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। 

 

स्थानीय मीडिया से बात करते हुए निशा बांगरे ने कहा, “संभवतः राजनीतिक कारणों से उन्हें इन कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन मैं अपने साथ यह अन्याय नहीं होने दूंगी।”

बता दें, इससे पहले कई बार निशा बांगरे का नाम सुर्खियों में रहा है। चुनाव लड़ने को लेकर भी उनके बारे में कयास लगाए जाते रहे हैं। ऐसे में निशा बांगरे के इस्तीफे के बाद सूबे में सियासी वार-पलटवार का दौर शुरू हो सकता है। कांग्रेस शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साध सकती है साथ ही राजनैतिक रूप से प्रेरित होकर निर्णय लेने और छुट्टी नामंजूर करने का आरोप लगा सकती है।

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