पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को अर्धसैनिक बल ने किया गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में मौजूद थे। खान ने आज कोर्ट निकलने से पहले एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि अदालत जाने से पहले मैं आपके साथ दो बातें साझा करना चाहता हूं। खान ने कहा, ‘इस्लामाबाद के लिए निकल रहा हूं। आज फिर अदालत में मेरी पेशी है। निकलने से पहले 2 बातें कहना चाहता हूं। सबसे पहले यह कि ISPR ने बयान दिया है कि मैंने फौज की तौहीन की है। मैंने एक इंटेलिजेंस ऑफिसर का नाम ले लिया, जिसने 2 बार मेरी हत्या करने की कोशिश की। यह तौहीन कैसे हुई।’
इमरान खान ने कहा कि ISPR साहब, गौर से मेरी बात सुनिए। इज्जत देश के हर एक व्यक्ति को मिलनी चाहिए, सिर्फ एक को नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं देश की सबसे बड़ी पार्टी का मुखिया हूं। यह देश मुझे 50 साल से जानता है। मुझे झूठ बोलने की जरूरत नहीं है। जब जांच होगी तो मैं यह साबित कर दूंगा कि यही वो आदमी था और इसके साथ पूरा एक टोला है। सवाल है कि क्या देश का पूर्व प्रधानमंत्री एक FIR तक दर्ज नहीं करा सकता है? जांच होती तो सब कुछ पता चल जाता। आखिर ये लोग जांच से क्यों भाग रहे हैं।’
जेल में डालना है तो डाल तो, बोले इमरान खान
वीडियो में पूर्व पीएम ने कहा, ‘मैं अदालत जा रहा हूं। वहां पर इतनी बड़ी संख्या में पुलिस और रेंजर्स को लाकर पैसे बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर किसी के पास वारंट है तो आए। मैं खुद ही जेल जाने के लिए तैयार हूं। इस्लामाबाद में इतना खर्च किया जा रहा है जैसे कि कोई बहुत बड़ा मुजरिम आ रहा हो। मेहरबानी कीजिए, किसी तरह के ड्रामा की जरूरत नहीं है। मेरे ऊपर कोई केस नहीं है। अगर जेल में डालना है तो डाल तो मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं।’
खान ने कहा- गुलामी से बेहतर है मौत
इमरान खान ने कहा कि अगर इनके हाथ मेरी जान जानी लिखी है तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं। मगर, क्या आप इसके लिए तैयार हैं? उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो सकता है कि लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर न निकलें। श्रीलंका में जो हालात हैं, उससे बुरे हालात तो पाकिस्तान में हो चुके हैं। अगर जनता का गुस्सा फटा तो आपको छिपते हुए भागना पड़ेगा। अब आप भी तैयार हो जाइए, मैं तो तैयार हूं। आखिर में यह कहता हूं कि अगर इन चोरों की गुलामी करनी पड़े तो इससे बेहतर कि मैं ऊपर चला जाऊं। गुलामी से बेहतर मौत है।’