बलात्कार और हत्या करने वाले सीरियल रेपिस्ट को कोर्ट के ठहराया दोषी, शाम होते ही ढूंढने लगता था शिकार
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने दर्जनों बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या करने वाले सीरियल रेपिस्ट रविंदर कुमार को शनिवार को दोषी ठहराया है। आरोपी ने करीब 30 बच्चों के साथ रेप और हत्या करने की बात कबूल की थी। आरोपी उत्तर प्रदेश के कासगंज का रहने वाला है। उसने कथित तौर पर दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में अपराध किए थे। आरोपों के अनुसार, आरोपी शराब और ड्रग्स का आदी है और नशे की हालत में अपराध करता था। वह बच्चों को मिठाई खिलाकर फुसलाता था और फिर उनका रेप कर हत्या कर देता था।
रविंदर कुमार अपने टारगेट की तलाश में एक दिन में 40 किमी तक पैदल चलता था और बच्चे का यौन शोषण कर उसे मार देता था। पुलिस के अनुसार, 2008 और 2015 के बीच उसने कथित तौर पर लगभग 30 बच्चों को अपना शिकार बनाया, जिसमें सबसे छोटा सिर्फ दो साल का और सबसे बड़ा, 12 साल का था।
शाम ढलते ही ढूंढने लगता था शिकार
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक बार सीडी प्लेयर पर दो अश्लील फिल्में देखकर इस सीरियल रेपिस्ट और मर्डरर के अंदर का हैवान जाग गया था और तब से ही उसने बलात्कार और हत्या की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया था। जैसे ही थके-हारे मजदूर शाम को लौटते और अपनी झुग्गियों में सोने चले जाते, तभी रविंदर अपने शिकार पर निकल पड़ता था। रात 8 बजे से आधी रात के बीच, वह अपने बच्चों को 10 रुपये के नोट या मिठाई का लालच देकर उन्हें एक सुनसान इमारत या खाली मैदान में ले जाता और उनके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देता था। पहचाने जाने के डर से उसने ज्यादातर बच्चों को मार डाला था।
24 साल की उम्र में 2015 में गिरफ्तार किया गया रविंदर कुमार तिहाड़ जेल में बंद है। अदालत ने उसे एक मामले में दोषी ठहराया है। पुलिस ने अदालत से उसके लिए अधिकतम सजा की मांग की है। उसे दो सप्ताह में सजा सुनाई जाएगी।
लाश के साथ भी करता था रेप
एडिशनल कमिश्नर विक्रमजीत सिंह रविंदर कुमार को गिरफ्तार किए जाने के समय बाहरी जिले के डीसीपी थे। उन्होंने बताया कि उसकी पूछताछ ने पुलिस टीम को भी झकझोर कर रख दिया था। वहीं, बेगमपुर थाने में तैनात इंस्पेक्टर के तौर पर रहे रिटायर्ड एसीपी जगमिंदर सिंह दहिया ने 2015 में अपनी टीम के साथ रविंदर कुमार को गिरफ्तार किया था। दहिया ने सीरियल रेपिस्ट को न केवल पीडोफाइल (Paedophilia), बल्कि नेक्रोफाइल (Necrophilia) भी बताया था। पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि उसने उन लड़कियों को मार डाला, जिन्हें बलात्कार से पहले काबू करना मुश्किल साबित हुआ।
दहिया ने उस घटनाक्रम को याद करते हुए कहा, ”पीड़ितों में से कई ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से थे। यही कारण है कि वह इतने लंबे समय तक काम अपराध को अंजाम देने में कामयाब रहा।”
छठी क्लास तक की है पढ़ाई
रविंदर के पिता यूपी के कासगंज में दिहाड़ी मजदूर थे, जो बाद में प्लंबर बन गए थे और उनकी मां घरों में नौकरानी का काम करती थी। पुलिस का मानना है कि उसने छठी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और जीवन यापन करने के लिए छोटे-मोटे काम करने लगा। इसके बाद उसने एक मजदूर के रूप में काम करना शुरू किया और बच्चों के शोषण का आदी आदी हो गया था।
दहिया के अनुसार, पुलिस छह साल की बच्ची की हत्या की जांच कर रही थी और मुखबिरों की मदद और तकनीकी निगरानी के बाद रविंदर को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी के पास सुखबीर नगर बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था। उसने बेगमपुर में एक नाबालिग लड़के का भी अपहरण किया, कथित तौर पर उसके साथ कुकर्म किया और भागने से पहले उसका गला रेत दिया था। पुलिस ने एक निर्माणाधीन इमारत के सेप्टिक टैंक से लड़के को बचाया था।
नशे का आदी था रविंदर
दहिया ने दावा किया, “शराब या नशीली दवाओं का सेवन करने के बाद रविंदर का खुद पर काबू नहीं रख पाता था और शाम होते ही अपनी हवस को पूरा करने के लिए बच्चों की तलाश में जुट जाता था।” वह बच्चों की तलाश में निर्माणाधीन साइटों पर जाता था। कई मौकों पर उसने बच्चों को झोपड़ियों से अगवा किया और सुनसान इमारतों या सुनसान जगहों पर उनके साथ बलात्कार किया।”
2008 में, उसने कराला में एक लड़की को उसकी झोंपड़ी से अगवा करने के बाद उसके साथ बलात्कार और मारपीट की और उसकी हत्या कर दी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब उसे पहले कुछ मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सका तो तो वह आश्वस्त हो गया और उसने और अपराध किए।
रिश्तेदार के बच्चों को भी नहीं बख्शा
उसने बदायूं, बाबा हरिदास कॉलोनी, बेगमपुर, कंझावला और हाथरस सहित दिल्ली-एनसीआर में अपराधों को अंजाम दिया। उसने 2011 में बाहरी दिल्ली के कंझावला और मुंडका में दो अपराध करने की बात भी स्वीकार की थी। उसने 2012 में अलीगढ़ में एक शादी समारोह के दौरान अपनी मौसी से मिलने के दौरान एक रिश्तेदार के 14 साल के दो बच्चों को निशाना बनाने की बात भी कबूल की थी। 2015 में जांच के दौरान उसने पुलिस को कम से कम 15 ऐसी जगहें दिखाईं, जहां उसने कथित तौर पर यौन अपराध किए थे।