गर्मियों में लद्दाख घूमने का बना रहे है प्लान तो इन जगहों की जरूर करें सैर…
लद्दाख में पर्यटकों के लिए 3 सीजन होते हैं, समर, मानसून और विंटर। लद्दाख में घूमने जाने वालों के लिए समर सीजन की शुरुआत हो चुकी है। लद्दाख में मानसून के समय बारिश बमुश्किल 20-25 दिनों तक ही होती है।
इसलिए इसे भारत का ठंडा रेगिस्तान कहा जाता है।
अप्रैल से लेकर जून महीने तक लद्दाख में समर सीजन होता है जिस दौरान तापमान 5° सेल्सियस से लेकर 25° सेल्सियस के बीच बना रहता है। इसके साथ ही भारत में पहली बार नॉर्दन लाइट्स (ऑरा) का दिखना भी अब लद्दाख जाने की वजहों में शुमार हो चुका है। अगर आपकी किस्मत अच्छी हुई तो हो सकता है कि अगली बार आपको भी लद्दाख में नॉर्दन लाइट्स का दीदार हो जाए।
अगर आपने समर सीजन में लद्दाख जाने की योजना बनायी है तो इन Spots पर जरूर जाएं
नुब्रा घाटी
नुब्रा घाटी और त्सो मोरिरी झील लद्दाख के प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है। ये स्पॉट्स गर्मी के मौसम में जाने के लिए बिल्कुल सही होते हैं। अप्रैल-मई के महीने में झील की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। इस समय झील के किनारे बैठ का इसे निहारने का आनंद ही अलग होता है।
सुरु घाटी
लद्दाख की सबसे हरियाली वाली घाटी सुरु घाटी है, जो कारगिल रोड के पास पेंसी ला के ठीक निकट स्थित है। कारगिल जाने के रास्ते में अगर आपको फोटो खींचने या खींचवाने का शौक है, तो यह घाटी आपके लिए बिल्कुल सही जगह है। इस घाटी के पास ही कार्त्से खार गांव है जहां 7 फीट ऊंची गौतम बुद्ध की प्रतिमा देखने को मिलेगी।
कारगिल वार मेमोरियल
लद्दाख गये और कारगिल वार मेमोरियल नहीं गये, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। 1998-99 के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में इस मेमोरियल को बनाया गया है। इस ममोरियल को पीले बलुआ पत्थर से तैयार किया गया है। श्रीनगर से लेह जाने के रास्ते में ही आपको कारगिल वार मेमोरियल मिल जाएगा। इस मेमोरियल से टाइगर हिल, तोलोलिंग हाइट्स और बत्रा टॉप का नजारा दिखायी देता है।
द्रास
लद्दाख का एक हिल स्टेशन जो कारगिल के निकट स्थित है। यह लद्दाख का एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है जो नेशनल हाइवे (एनएच) 1 पर जोज़ी ला पास और कारगिल के बीच में आता है। यह पर्यटकों के लिए उनका पसंदीदा ट्रेकिंग रुट भी है, जिसे ‘द गेटवे टू लद्दाख’ भी कहा जाता है। कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी सेना ने सबसे पहले टाइगर हिल और उसके बाद द्रास घाटी पर ही अपना कब्जा जमा लिया था, जिसे भारतीय सैनिकों ने बाद में उनसे छुड़ाया था। सुरु और द्रास नदी का संगम भी देखने लायक होता है।