थर्ड पार्टी एंड्रॉइड कीबोर्ड सुरक्षा में लगा सकते सेंध, जानिए जरूरी बातें…
नई दिल्ली, Smartphone का इस्तेमाल आज के समय की बड़ी जरूर है। एक बड़े यूजर बेस के साथ स्मार्टफोन हर दूसरे यूजर की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। इंटरनेट से जुड़े छोटे से छोटे काम के लिए यूजर को स्मार्टफोन की जरूरत महसूस होती है। मार्केट में ढेरों कंपनियां ऐसी हैं जो कम कीमत पर भी स्मार्टफोन उपलब्ध करवाती है। ऐसे में यूजर का बजट चाहे कम ही क्यों न हो, स्मार्टफोन खरीदने बड़ी बात नहीं रह जाती।
यूजर्स को लुभा रहे थर्ड पार्टी ऐप्स
हर स्मार्टफोन यूजर चाहता है कि डिवाइस में उसकी सुविधा के मुताबिक सारे इंतजाम हों। इसी मौके पर किसी स्थिति में ऐसा न हो तो थर्ड पार्टी ऐप्स की एंट्री हो जाती है। प्ले स्टोर पर ऐसे तमाम ऐप्स मौजूद हैं, जो यूजर्स को लुभाने का काम करते हैं।
स्मार्टफोन के इस्तेमाल के दौरान क्योंकि कीबोर्ड का ही इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, यही वजह है कि यूजर को कीबोर्ड भी अपने मुताबिक चाहिए होता है। एंड्रॉइड डिफॉल्ट कीबोर्ड कई बार बहुत सी सुविधाों के साथ नहीं आता जिसके कारण यूजर प्ले स्टोर पर थर्ड पार्टी ऐप्स की ओर दौड़ लगाता है।
हालांकि थर्ड पार्टी कीबोर्ड कस्टमाइजेशन के लिए बढ़िया काम करते हैं, लेकिन इनसे यूजर की सिक्योरिटी भी जुड़ी होती है।
कितना सही थर्ड पार्टी कीबोर्ड का इस्तेमाल
थर्ड पार्टी कीबोर्ड ऐप का इस्तेमाल करने से पहले यूजर को बहुत सी परमिशन देनी होती हैं। यानी आप जाने-अनजाने खुद थर्ड पार्टी ऐप्स पर भरोसा कर खुद की प्राइवेट जानकारियों को साझा कर रहे होते हैं।
इन ऐप्स के इस्तेमाल के लिए कॉन्टैक्ट्स, गैलरी, कैमरा, माइक्रोफोन, स्टोरेज और नेटवर्क कनेक्शन तक की परमिशन देना जरूरी होता है। ऐसे में बैंकिग से जुड़ी जानकारियां इन ऐप्स से छुपी नहीं होती।
सुरक्षा में लग सकती सेंध
साइबर अपराधी कई तरीकों का इस्तेमाल कर यूजर्स को अपने जाल में फंसाने का काम करते हैं। ऐसे में कीबोर्ड जैसे ऐप्स को डेवलप करना बहुत मु्श्किल काम नहीं माना जा सकता है। यूजर को तमाम फीचर्स और लुभावने थीम्स ऑफर कर इन ऐप्स के जरिए यूजर की प्राइवेट जानकारियों का फायदा उठाया जा सकता है।
यूजर को इस तरह के ऐप्स को किसी भी जरूरत और मजबूरी के चलते डाउनलोड नहीं करना चाहिए। अपनी समझदारी और जिम्मेदारी के आधार पर एक सही कीबोर्ड का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।