MBBS में दाखिले के नाम पर सौ से अधिक विद्यार्थियों से करोड़ो की ठगी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
नोएडा, सेक्टर-63 कोतवाली पुलिस ने एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 25 हजार के इनामी बदमाश को बृहस्पतिवार को बहलोलपुर अंडरपास से गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान दिल्ली के अहमद खान के रूप में हुई है। एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देकर 100 से ज्यादा विद्यार्थियों से 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को जनवरी में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
किराये पर खोला था दफ्तर
आरोपित ने अपने साथियों के साथ मिलकर सेक्टर-63 में किराये पर दफ्तर खोला था। गिरोह में शामिल आरोपित शहर की एक सोसाइटी में किराये पर रहते थे। वहीं दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले विद्यार्थियों का डेटा खरीदकर उन्हें उत्तर प्रदेश अलावा अन्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का लालच देते थे। गिरोह ने कई राज्यों के छात्रों से एमबीबीएस में दाखिले के एवज में 40 से 50 लाख ठगे थे।
सैंकड़ों लोगों से की ठगी
जालसाजों ने कई राज्यों के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। जालसाज फर्जी प्रवेश पत्र छात्रों को थमाते थे, लेकिन जब छात्र एडमिशन के लिए कॉलेज पहुंचता तो उसे संबंधित कालेज फर्जी लैटर की बात कहकर लौटा देता था। एसीपी सेंट्रल नोएडा अमित कुमार का कहना है कि गिरोह के सरगना समेत तीन आरोपित जेल में है, लेकिन अहमद खान कोर्ट से जमानत हासिल करने में कामयाब रहा था।
मामले में आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। आरोपित को पकड़ने के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया था। आरोपित की तलाश में ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी। करीब तीन माह बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। कोतवाली प्रभारी अमित कुमार मान का कहना है कि आरोपित अहमद छात्र व उनके स्वजन से ठगी की रकम को वसूलता था। धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दो मुकदमे दर्ज हैं। मामले में अभी भी कई आरोपित फरार है, जिनकी तलाश जारी है।
नीट में शामिल छात्रों से करते हैं संपर्क
आरोपी एमबीबीएस दाखिले के नाम पर सबसे पहले अपना डेटा जुटाते थे। आरोपित नीट में शामिल उन छात्र-छात्राओं के नाम, नंबर पता का डेटाबेस तैयार करते थे। जिनका दाखिला किसी मेडिकल कालेज में नहीं हुआ हो। छात्रों से संपर्क कर उन्हें मेडिकल कालेजों में एडमिशन कराने का झांसा देकर मोटी रकम लेते थे। अभ्यार्थियों को काउंसिलिंग के नाम पर फोन किया जाता था। काउंसिलिंग के आने वाले युवाओं के एमबीबीएस एडमिशन के लिए मंत्री और सांसद कोटे की सीट के बारे में गलत जानकारी दी जाती थी। कोटे से दाखिला कराने का झांसे में आकर छात्र-छात्राएं पैसे दे देते थे। 80 प्रतिशत नकदी और 20 प्रतिशत पैसा आनलाइन माध्यम से लिया जाता था।