अवैध खनन मामले में जनार्दन रेड्डी की बढ़ेंगी मुश्किलें, CBI कोर्ट ने मांगा लेन-देन का पूरा ब्यौरा
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने करोड़ों के अवैध खनन मामले में खनन कारोबारी और कर्नाटक के पूर्व मंत्री गली जनार्दन रेड्डी के धन के लेन-देन का ब्योरा देने के लिए स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, आईएसएल ऑफ मैन और यूएई के अधिकारियों को अनुरोध पत्र जारी करने का आदेश दिया है। सीबीआई को यह शक है कि रेड्डी ने घोटाले की एक बहुत बड़ी राशि को इन देशों में छिपा कर रखा है।
सीबीआई के अनुरोध पत्र को मिली अनुमति
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश चंद्रकला ने 4 मार्च को पारित आदेश में कहा कि सीबीआई के द्वारा न्यायिक सहायता के लिए धारा 166-ए के तहत दायर आवेदन के तहत स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और आईएसएल ऑफ मैन के अधिकारियों से जीएलए ट्रेडिंग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का विवरण मांगा गया है।
सीबीआई ने रेड्डी समेत कई के खिलाफ दायर की याचिका
अदालत ने यह आदेश इसलिए दिया है क्योंकि कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) पार्टी के संस्थापक रेड्डी मई तक राज्य विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए पैसा कहां से आ रहा है। इसका पता लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। सीबीआई ने इस मामले में गाली जनार्दन रेड्डी, जी लक्ष्मी अरुणा, आईएएस अधिकारी एम शिवलिंग मूर्ति, आईएफएस अधिकारी एस मुथैया, के मेहफुज अली खान, एसपी राजू, महेश ए पाटिल और पूर्व रेंजर वन अधिकारी एच राममूर्ति के खिलाफ याचिका दायर की थी।
विभिन्न देशों की कंपनियों से मांगा गया लेन-देन का पूरा ब्यौरा
केंद्रीय एजेंसी (सीबीआई) स्विट्जरलैंड में जीएलए ट्रेडिंग इंटरनेशनल, स्विस बैंकों में कंपनी के खाते का विवरण, मालिकों का विवरण, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, बैंक खाते और संबंधित कंपनी के साथ गली जनार्दन रेड्डी और उनके परिवार के सदस्यों के लिंक का विवरण मांग रही है। कोर्ट ने अपने आदेश में सीबीआई के अनुरोध को भी नोट किया। जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि रेड्डी एसोसिएटेड माइनिंग कंपनी के नाम पर जारी खनन पट्टे के तहत अवैध खनन में शामिल थे।
रेड्डी ने 7 से 8 मिलियन मीट्रिक टन लौह अयस्क का किया था लेन-देन
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, अवैध खनन की प्रक्रिया के माध्यम से अर्जित किया गया पूरा पैसा अपराध की आय का हिस्सा होगा और कानूनी कार्यवाही का पता लगाने और केस में आगे की जांच करने के लिए मांगी गई जानकारी की आवश्यकता है। सीबीआई ने कोर्ट को दिए गए अपने आवेदन में कहा था कि रेड्डी ने “2009-10 के दौरान 7 से 8 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक की सीमा तक अवैध रूप से लौह अयस्क का लेन-देन किया था।
इसलिए राशि का एक बड़ा हिस्सा आरोपी द्वारा विभिन्न देशों में रखे जाने का संदेह है। इसी संबंध में स्विट्जरलैंड में जीएलए ट्रेडिंग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी और बैंक खाते के विवरण का पता लगाने के लिए अनुरोध पत्र जारी करना आवश्यक है।