उत्तराखंड में गहराया बिजली संकट, शहरों में भी अब होगा पावर-कट
उत्तराखंड में मार्च शुरू होने के साथ ही बिजली संकट गहरा गया है। बढ़ते तापमान की वजह से राज्य में बिजली की मांग 41 मिलियन यूनिट के करीब पहुंच गई है। इससे बुधवार को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही कुछ शहरी क्षेत्र व फर्निश उद्योगों में भी कटौती की नौबत आ गई है।
यूपीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को राज्य में बिजली की मांग 40.67 मिलियन यूनिट के करीब पहुंच गई है। जबकि राज्य के उत्पादन और केंद्र से मिली बिजली को मिलाकर उपलब्धता कुल 27.73 मिलियन यूनिट की है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार के लिए अभी कुल 11.38 मिलियन यूनिट की कमी है। जिसमें से 6.52 मिलियन यूनिट की व्यवस्था हो गई है।
जबकि 4.86 मिलियन यूनिट की कमी है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि इस कमी को दूर करने के लिए बुधवार को रियल टाइम खरीद के तहत पूरा करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए रियल टाइम बोली लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि कमी को पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
यूपीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में जिस तरह बिजली की मांग बढ़ रही है उससे बुधवार को कुछ ग्रामीण, शहरी और फर्निश उद्योगों में कटौती की नौबत आ सकती है। हालांकि कोशिश की जा रही है कि उद्योगों को अभी कटौती से दूर रखा जाए। लेकिन यदि मांग बढ़ती है तो कटौती का समय बढ़ सकता है।
2 मार्च से मिलेगी 250 मेगावाट बिजली :यूपीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को संकट के बाद गुरुवार से राज्य को कुछ राहत मिलेगी। गुरुवार से केंद्र ने शर्ट टर्म टेंडर के जरिए राज्य को 250 मेगावाट बिजली खरीद की इजाजत दे दी है। इससे राज्य को दो मार्च से कुछ राहत मिलेगी।
300 मेगावाट पर केंद्र के फैसले का इंतजार
राज्य को मार्च में भी प्रति दिन 300 मेगावाट सस्ती बिजली की आपूर्ति केंद्र से होती रहेगी या नहीं इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के पास अनुमोदन के लिए फाइल गई है लेकिन देर सांय तक इस पर निर्णय नहीं हो पाया था। विदित है कि राज्य को प्रतिदिन 300 मेगावाट सस्ती बिजली की आपूर्ति 28 फरवरी तक के लिए ही थी। राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र से अनुरोध किया था। लेकिन अभी तक इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं हो पाया है। हालांकि राज्य सरकार के अफसरों को उम्मीद है कि केंद्र राज्य को सस्ती बिजली की आपूर्ति जारी रखेगा।
गैस प्लांट की बिजली पर सब्सिडी नहीं
इधर केंद्र सरकार ने राज्यों को साफ कर दिया है कि गैस आधारित बिजली प्लांट संचालित करने के लिए उन्हें अपने स्तर से ही प्रयास करने होंगे। केंद्र सरकार इसके लिए राज्यों को अलग से सब्सिडी नहीं देगी।