लैंसडौन का नाम बदलकर फिर हो सकता है कालौं का डांडा
पौड़ी गढ़वाल : उत्तराखंड के पौडी जिले में स्थित लैंसडौन सैन्य छावनी का नाम बदलकर फिर से कालौं का डांडा किया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 132 साल पहले ब्रिटिश काल में तत्कालीन वायसराय के नाम पर रखे गए ‘लैंसडौन’ के नाम को बदलने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को जल्द भेजा जाएगा। गौरतलब है कि सैन्य क्षेत्रों के अंग्रेजों के जमाने में रखे गए नामों को बदलने के लिए रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव मांगे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में गुलामी की याद दिलाने वाले ब्रिटिशकालीन नामों को बदला जाएगा।
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नई दिल्ली में संवाददाताओं द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में गुलामी की तस्दीक करने वाले ब्रिटिशकालीन नामों को बदलने की प्रक्रिया जारी हैं और प्रदेश में भी यह किया जाएगा।’’ इस बीच, प्रदेश भाजपा ने लैंसडाउन के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव का स्वागत किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सेना का अपने संस्थानों के ब्रिटिशकालीन नामों को बदलकर उन्हें असली नाम देने की मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की औपनिवेशिक एवं गुलाम मानसिकता वाली सोच को परास्त करने की एक कड़ी है। स्थानीय लोगों द्वारा लंबे समय से लैंसडौन का नाम फिर से कालौं का डांडा (काले बादलों से घिरा पहाड) किए जाने की मांग का जिक्र करते हुए भटट ने उम्मीद जताई कि जनभावनाओं के अनुरूप नाम परिवर्तन का यह प्रस्ताव शीघ्र ही अमल में आ जाएगा।