12 घण्टे की मूसलाधार बारिश से मचा हाहाकार,सैकड़ों मकान हुए जलमग्न आधा सैकड़ा ढहे
भरुआ सुमेरपुर। पिछले 12 घंटे की बारिश ने कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर कहर बरपाया है। दशकों बाद इस तरह की बारिश पितर पक्ष में हुई है।
बुधवार की रात 2:00 बजे से शुरू हुई बारिश दोपहर 2:00 बजे के बाद थम सकी। जब लोग घरों से बाहर आए। तब सब कुछ लबालब था। चारों तरफ पानी ही पानी था। तालाब, पोखर,नाले, बंधा,बंधी सब कुछ लबालब हो गए है। कस्बे की गुटखा फैक्टरी के पास नाला उफना जाने से सैकड़ों मकान जलमग्न हो गए है। लोगों की गृहस्थी का सामान नष्ट हो गया है। वार्ड तीन इमिलिया बाड़ा मुहाल में नाले का पानी उफनाने से आधा सैकड़ा से ज्यादा मकान जलमग्न हो गए है। बहुराष्ट्रीय कम्पनी एचयूएल के सामने हाईवे किनारे नाला जाम होने से कंपनी के अंदर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। बिरखेरा गांव में नाले किनारे की बस्ती के एक सैकडा मकान जलमग्न हो गए हैं।
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कुंडौरा में बंधा टूट जाने से हाईवे के ऊपर पानी बह रहा है। लोग जान जोखिम में डालकर हाईवे से वाहनों को निकाल रहे हैं। कस्बे में गायत्री तपोभूमि प्रांगण करोडन नाला का पानी उफनाने से पूरी तरह से जलमग्न है। नवीन गल्ला मंडी में नालियां जाम होने के कारण पानी भर जाने से आढ़तियों का सैकड़ो बोरा अनाज भीग गया है। पलरा में संतोष प्रजापति का मकान जमींदोज हो गया है। दरियापुर में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई है। टेढ़ा गांव में अनुसूचित वर्ग के रामभगत, कल्लू, रामबाबू,बबली, किशुन, सुमित्रा, मूर्ति,बौरा, राजेश, हरीबाबू, मुल्लू आदि के कच्चे मकान बारिश के चलते ढह गए हैं। चंदपुरवा गांव में मकान ढहने से दो लोग दबकर चुटहिल हो गए। कस्बे के बांदा मार्ग में बनी रेलवे क्रॉसिंग के पास की पुलिया से पानी निकासी ना होने से बांदा मार्ग पानी से डूब गया है। बुजुर्गों का कहना है कि तीन दशक बाद इस तरह की बारिश पितर पक्ष में हुई है। जिसमें 12 घंटे की बारिश ने सब कुछ लबालब कर दिया। कस्बे के नरही मार्ग में बारिश के चलते बबूल का पेड़ धराशाई हो जाने से तीन ट्रांसफर की विद्युत आपूर्ति ठप होने से कई वार्डों में अंधेरा छा गया है। वैसे ही लगातार बारिश के चलते कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति में बुरा असर पड़ा है। पिछले कई घंटों से कई गांव की बिजली गुल है।
उधर बड़ी आबादी वाले गांव इंगोहटा में पानी की निकासी न होने से बुधवार को हुई जोरदार बारिश से 300 से अधिक घरों में भर गया है। लोगो की लाखो की गृहस्थी अनाज भूसा बेकार हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव सहित बहरेला, अछरेला, विदोखर आदि के खेतों का पानी गांव से होकर नाले से होकर चंदपुरवा की ओर जाता है। गांव में पानी की निकासी के लिये मात्र एक पुलिया है। पानी भर जाने से छुटकू कछवाह की 60 बोरी सीमेंट, मटर,गेहूं डूब गए। लल्लू बाल्मीकि व बिंदा बाल्मीकि के घर ढह गए है इसके अलावा 300 घरो में पानी घुस गया है। लोगों का कहना है कि जब तक ग्राम समाज की जमीन और नालो पर किए गए अवैध कब्जे नही हटवाये जायेंगे। तब तक यहां की समस्या का हल नही हो सकती है।