शीत युद्ध के बाद अब सबसे बड़े परमाणु खतरे का सामना कर रही है दुनिया

दिल्लीः शीत युद्ध के बाद अब सबसे बड़े परमाणु खतरे का सामना कर रही है दुनिया।

परमाणु अप्रसार संधि सम्मेलन के मौके पर संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि दुनिया शीत युद्ध के बाद अब सबसे बड़े परमाणु खतरे का सामना कर रही है. गुटेरेस ने यह टिप्पणी पांच महीने से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध पर इशारा करते हुए की है. आगे उन्होंने यूक्रेन के साथ रूस के संघर्ष और कोरियाई प्रायद्वीप और मध्य पूर्व में तनाव का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें डर है कि समय के साथ परमाणु हमले का खतरा का बढ़ सकता है.

परमाणु अप्रसार संधि के दसवें समीक्षा सम्मेलन में शामिल हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने चेतावनी दी कि मानवता परमाणु विनाश से बस एक गलतफहमी और एक गलत अनुमान दूर है. गुटेरेस ने कहा कि हम अब तक असाधारण रूप से भाग्यशाली रहे हैं. लेकिन भाग्य कोई रणनीति नहीं है. न ही यह परमाणु संघर्ष में उबल रहे भू-राजनीतिक तनाव की एक ढाल है. उन्होंने राष्ट्रों से परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया की ओर मानवता को एक नए रास्ते पर लाने का आह्वान किया.

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में आयोजित बैठक कोविड -19 महामारी के कारण 2020 के बाद कई बार स्थगित की जा चुकी थी. गुटेरेस ने कहा कि यह सम्मेलन इस संधि को मजबूत करने और इसे हमारे आसपास की चिंताजनक माहौल के लिए उपयुक्त बनाने का एक मौका है.

गुटेरेस के मुताबिक परमाणु हथियारों को नष्ट करने से ही इस संकट से बचा जा सकता है. आगे वह संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जापानी शहर पर 6 अगस्त 1945 की परमाणु बमबारी की वर्षगांठ के लिए हिरोशिमा का दौरा करेंगे.

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