दुनिया की इकोनॉमी में आ सकती है मंदी,जाने कूछ वजह

दिल्लीः दुनिया की इकोनॉमी में आ सकती है मंदी।

वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि सात कारणों से दुनिया की इकोनॉमी में मंदी वर्ष 2023 में दुनिया को परेशान कर सकती है. पहले से ही महामारी के बीच कई देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में मंदी की खबरों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं. IMF के अनुसार 2023 में वैश्विक आर्थिक विकास दर 2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. जोकि पांच दशकों में सबसे निचला स्तर है. चलिए जानते हैं वे सात कारण जिनके कारण IMF को मंदी का डर सता रहा है.

यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद रूस से यूरोप को होने वाली गैस की आपूर्ति 2021 की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक गिर गई है. आपूर्ति गिरने का बड़ा कारण यूरोपीय संघ ने पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए प्रतिबंधों को बताया है. IMF के मुताबिक अभी रूस की ओर से आपूर्ति को और कम किया जाएगा. जिससे यूरोप के कई देशों के ऊर्जा क्षेत्र को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.

महंगाई
IMF के मुताबिक यूक्रेन में संकट के कारण खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है. वैश्विक बाजार में युद्ध के कारण महंगाई दर अपने चरम पर पहुंच गई है. मांग में कमी लाने के लिए देश कर्ज पर ब्याज को बढ़ा रहे हैं. 

ब्याज दरों में वृद्धि
आईएमएफ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 2023 में मंदी का जोखिम विशेष रूप से बड़ा होगा. कई केंद्रीय बैंकों ने हाल ही में मांग को धीमा करने के प्रयास में ब्याज दरों में वृद्धि की है. 

कर्ज संकट
कर्ज संकट का सबसे अधिक असर विकासशील देशों को पड़ने जा रहा है. IMF ने कहा कि अगर उधार अधिक महंगा होने से अर्थव्यवस्थाएं ठप भी हो जाती हैं तो विकसित देश यह उम्मीद कर सकते हैं कि नागरिक अपनी बचत का इस्तेमाल कर अर्थव्यवस्था को अधिक नुकसान होने से बचा लेंगे. लेकिन विकाशील देशों से अगर विदेशी निवेशक अपना पैसा निकालते हैं तो स्थिति कहीं अधिक जटिल हो सकती है. 

चीन
कोरोना महामारी को रोकने के लिए चीन के प्रयासों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. कुछ प्रमुख कंपनियों द्वारा लिए गए ज्यादा कर्ज के कारण चीन का प्रॉपर्टी सेक्टर एक चिंता का विषय बना हुआ है. उदाहरण के लिए एवरग्रांडे कंपनी 300 अरब यूरो के अनुमानित कर्ज पर ब्याज का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रही है. 

सामाजिक अस्थिरता
आईएमएफ की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि खाद्य और ऊर्जा की ऊंची कीमतें आने वाले संकट का प्रबल संकेत है. पाकिस्तान जैसे देशों में चल रहे राजनीतिक संकट सामाजिक अस्थिरता का ही संकेत है

विखराव
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन में युद्ध ने वैश्विक राजनीतिक बिखराव को जन्म दिया है. इस युद्ध के कारण भू-राजनीतिक ब्लॉक बन गए हैं, जो अब एक साथ सुचारू रूप से काम नहीं करना चाहते हैं. रूस और अमेरिकी पक्ष के देश फिलहाल मंदी पर मिलकर विचार करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. 

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker