हमीरपुर: रातों.रात हुए मनरेगा योजना के 15 करोड़ के भुगतान पर खातों में लगी रोक

टीएसी टीम ने मुख्यालय में कदम रखते ही उठाया सख्त कदम

भरुआ सुमेरपुर। मनरेगा योजना के सामग्री मद में महज 17 सेकंड में रातों-रात 15 करोड़ रुपये का भुगतान जिले के 2 ब्लाकों में होने के बाद शासन से आई टीएसी (तकनीकी लेखा परीक्षा समिति) ने फर्मों के खातों में रोक लगा दी है. टीएसी भुगतान की गहनता के साथ जांच कर रही है. अभी तक जांच टीम को सब कुछ सही मिला है.

उम्मीद है कि जांच पूरी होने के बाद खातों से रोक हटाने का आदेश जारी होगा. गत 19 फरवरी को प्रदेश सरकार ने मनरेगा योजना के सामग्री मद में देर शाम 49 करोड़ रुपये प्रशासनिक मद की बची धनराशि को हस्तांतरित किया था. इस धनराशि से प्रदेश के सभी विकास खंडों में सामग्री मद का भुगतान किया जाना था.

सामग्री मद के खाते में धनराशि आते ही देर रात जिले के मौदहा विकासखंड में 12 करोड़ से अधिक तथा सुमेरपुर विकासखंड में लगभग तीन करोड़ का भुगतान कर लिया गया. कुल 15 करोड़ का भुगतान रातों रात महज 17 सेकंड में कर लेने से लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया. सुबह होते ही भुगतान की सत्यता परखने के लिए शासन ने टीएसी जांच टीम गठित कर दी.

शासन की टीम ने 20 फरवरी की शाम को ही मुख्यालय में डेरा डाल दिया और 21 फरवरी को सुबह से ही मौदहा पहुंचकर अभिलेख खंगालने शुरू कर दिए. टीम ने भुगतान की गई फर्मों का रिकॉर्ड खंगालने के साथ पंचायतों में कराए गए मनरेगा के पक्के कार्यो का स्थलीय सत्यापन किया. टीम को सब कुछ चकाचक मिला है. इसके बाद भी टीम ने फर्मों को किए गए भुगतान की निकासी पर रोक लगा दी है.

टीएसी टीम जांच के बाद वापस लौट गई है. साथ ही भुगतान की सारी प्रक्रिया का रिकॉर्ड एवं कराए गए कार्यों का रिकॉर्ड साथ ले गयी है. जांच कार्य पूर्ण होने के बाद खाता खुलने की उम्मीद है.

अरसे बाद हुए भुगतान के बाद खातों में रोक लग जाने से पंचायतों को निर्माण सामग्री देने वाले सप्लायरों में हड़कंप मच गया है. अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही खातों में लगाई गई रोक हट जाएगी. फिलहाल इस प्रकरण में कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने से कतरा रहा है।

इनसेट
शासन के निर्देशों का पालन भुगतान प्रक्रिया मे नही किया गया है. इसलिए अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. टीएससी टीम ने कार्यों की जांच की है. सभी सही पाये गये हैं किसी तरह का फर्जी भुगतान नही हुआ है. लेकिन जब तक शासन से क्लीन चिट नही मिल जाती है तब तक खातों मे रोक जारी रहेगी।
कमलेश वैश्य
मुख्य विकास अधिकारी हमीरपुर

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