उत्तराखंड आपदा: 15 दिन बाद भी 136 लोग लापता

देहरादून : उत्तराखंड मे चमोली जिले के रैणी-तपोवन क्षेत्र में आई आपदा को पूरे 15 दिन हो गए हैं। अब तक 68 शव और 28 मानव अंग मिल चुके हैं। जबकि 136 लोग अभी भी लापता हैं। इस आपदा में 13 गांवों के 465 परिवार प्रभावित हुए हैं। आपदा के इतने दिनों बाद अब जो शव मिल रहे हैं वो मलबे से पटे हैं। इस कारण इनकी पहचान करना बहुत मुश्किल हो रहा है।

7 फरवरी रविवार को रैणी-तपोवन में आपदा आई थी। आपदा की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंच गई थी। पर विधिवत तौर पर आपदा में लापता और मृतक हुए लोगों की खोजबीन दूसरे दिन से शुरू हुई। पहले एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, पुलिस ने खोजबीन और राहत और बचाव का कार्य शुरू किया। इसके तुरन्त बाद एनडीआरएफ ने मोर्चा सम्भाल कर राहत बचाव और तपोवन टनल और बैराज में फंसे और ऋषि गंगा प्रोजेक्ट स्थल पर दबे लोगों की खोजबीन शुरू की। यह अभियान अभी भी जारी है। 21 फरवरी तक 68 लोगों के शव मिल गए हैं। इसके साथ ही 28 मानव अंग भी अलग अलग स्थानों से मिले हैं।

20 फरवरी देर सायं तक जो पांच शव मिले उन सभी की शिनाख्त हो गई है। इनकी पहचान अमृत कुमार (झारखंड), ज्योतिष वासला (झारखंड), मुन्ना सिंह (बिहार), जलाल (उत्तर प्रदेश) और जीवन सिंह (देहरादून) के तौर पर हुई है। ए सभी शव तपोवन टनल, बैराज साइट और ऋषि गंगा परियोजना के बैराज साइट और आस पास के दलदल से मिल रहे हैं। रविवार तक मिले 67 शवों और 28 मानव अंगों में से 1 मानव अंग की पहचान भी हो चुकी है। जिला अधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि राहत और बचाव के साथ-साथ टनल के अंदर और दोनों परियोजना के बैराज स्थल पर मानव जीवन और शवों की खोज बीन का कार्य जारी है्। इस आपदा में अब तक 136 लोग लापता हैं।

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