हमीरपुर : खाना खाने गया किसान, 8 बीघे में बोई तिल की फसल अन्ना पशुओं ने की चट

कुलदीप धुरिया

मौदहा(हमीरपुर) बुंदेलखंड में सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भी किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं शुक्रवार को मौदहा राष्ट्रीय राजमार्ग 34 से निकले पाटनपुर के सम्पर्क मार्ग पर महज 1 किलोमीटर दूरी पर एक किसान की तकरीबन 8 बीघे में तिल की फसल किसान के खाना खाने जाने पर सैकड़ों अन्ना पशुओं ने चट कर दी। जिससे किसान सदमे में है।
मौदहा कस्बा निवासी मैनुल का खेत पाटन पुर संपर्क मार्ग पर स्थित है जिस पर उसने तकरीबन 8 बीघे के खेत पर तिल की फसल बोई हुई थी और इस फसल की रखवाली करने के लिए किसान खुद व उसके परिवार के सदस्य खून पसीना एक कर 24 घंटे तकरीबन 3 माह से रखवाली करते चले आ रहे थे लेकिन शुक्रवार के दिन ने किसान के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।

किसान मैनुल ने आपसी बातचीत के दौरान बताया कि अधिकांश किसान इस फसल के दरमियान अपने घर का खर्च बच्चों की शिक्षा व खेत की जुताई बुवाई जैसे कार्य का खर्च निकाल लेता था जो कि बीते कई वर्षों से किसान को इस फसल से एक रुपए का भी मुनाफा नहीं हो पा रहा है जिसके चलते किसानों की स्थिति दिन पर दिन दयनीय होती जा रही है।
भले ही मौजूदा सरकार ने गांव गांव में गौशाला स्थापित कर अन्ना प्रथा रोकने का प्रयास किया गया है लेकिन जमीनी स्तर पर इस योजना का लाभ ना तो किसानों को मिल रहा है और ना ही गौ संरक्षण केंद्रों में बंद अन्ना पशुओं को मिल पा रहा है पिछले वर्ष की अपेक्षा गौ संरक्षण केंद्रों में बंद अन्ना पशुओं की संख्या में काफी कमी आई है यानी अन्ना पशुओं की मौत का सिलसिला जारी है या फिर दस्तावेज में लापरवाही बर्ती जा रही है। लेकिन शासन द्वारा तमाम निधि के माध्यमों से अरबों रुपए इस योजना के नाम पर खर्च किए जा चुके हैं जिसके बाद भी ना तो अन्ना गौवंश सुरक्षित है और ना ही किसान की समस्याएं कम हुई हैं।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker