Dalit Student Murder Case: राजनीति का केंद्र बना सुराणा गांव, पढ़े विस्तार से
दिल्लीः राजस्थान के जालोर के सुराणा गांव के निजी स्कूल में टीचर छैल सिंह की पिटाई से हुई दलित छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की मौत (Dalit Student Murder Case) के बाद यहां बीते तीन दिनों से नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. दलित छात्र की पिटाई से हुई मौत का यह मसला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में बना हुआ है. इसके चलते फिलहाल सुराणा गांव (Surana Village of Jalore) राजस्थान की राजनीति का केंद्र बना हुआ है. आज इस मसले को लेकर राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सुराणा आएंगे. वहीं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत चार अन्य मंत्रियों के भी आने का कार्यक्रम है. इससे पहले मंगलवार को भी यहां गहलोत सरकार के चार मंत्री आये थे. इस मामले को लेकर राजस्थान में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है.
दलित छात्र की मौत से आहत होकर सोमवार को गहलोत सरकार के विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद यह केस और ज्यादा गरमा गया. इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. उन्होंने कलेक्टर और एसपी को कई निर्देश दिये हैं. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास का भी मंगलवार को जालोर आने का कार्यक्रम है. वे सुराणा गांव में पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी पूरे मामले को लिया गंभीरता से लिया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष पारधी मंगलवार शाम को जालोर आएंगे. वे प्रकरण की जानकारी लेने के साथ ही शाम 6 बजे जालोर में पुलिस अधीक्षक और जांच अधिकारी के साथ बैठक करेंगे.
गहलोत सरकार समर्थक दौसा जिले के महुआ से निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि जालोर में छात्र की हत्या से ह्दय कांप गया. हुड़ला ने पीड़ित परिवार को अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की है. वहीं पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग भी रखी है. इससे पहले सोमवार को सुराणा गांव पहुंचे राजस्थान एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ीलाल बैरवा ने पीड़ित परिवार को केवल पांच लाख के मुआवजे की घोषणा पर सवाल उठाते हुए अपनी ही सरकार को घेरा था.