आखिर 75 सालो में कितना बदला भारतीय रुपया का स्वरुप ?

दिल्लीः भारत को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं और देश आजादी का अमृत महोत्‍सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है. इस दौरान बहुत कुछ बदला है. देश ने कच्ची सड़क से एक्सप्रेस वे तक का सफर तय किया है, तो कोयले से चलने वाली रेलगाड़ी से लेकर मेट्रो तक देखी है. इतने वर्षों में एक और चीज जो बदलती रही वह है भारतीय रुपया. हमारे जीवन में रोज इस्तेमाल होने वाले रुपए का स्वरूप भी समय के साथ बदलता रहा है. इन बदलते नोटों को संग्रह करने का काम झांसी के रहने वाले अनिल कुशवाहा करते हैं.

अनिल कुशवाहा ने बताया कि सबसे पहला नोट दो और पांच रुपए का था, जिस पर रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर सीडी देशमुख के हस्ताक्षर थे. आजादी के समय एक रुपए, दो रुपए और पांच रुपए के नोट सबसे ज्यादा चलन में थे. उस समय सबसे बड़ा नोट दस हजार रुपए का हुआ करता था. इसके बाद देश, काल और परिस्थिति के हिसाब से नोट बदलते रहे. डिजाइन के साथ ही जिन कागजों पर नोट छपते थे उनमें भी बदलाव किया गया. यह सब कुछ समय की मांग और देश की अर्थव्यवस्था की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया.

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छोटे नोटों में होता रहा बदलाव
अनिल ने बताया कि सबसे ज्यादा बदलाव एक, दो, पांच, दस और सौ रुपए के नोट में किए गए. वर्तमान में एक और दो रुपए के नोट चलन में नहीं है. सबसे कम बदलाव 500 रुपए के नोट में हुआ है. यह नोट सिर्फ एक बार ही बदला गया है. 2016 में नोटबंदी के बाद पुराने 1000 और 500 रुपए के नोट भी बंद हो गए. वर्तमान में सबसे बड़ा नोट 2 हजार रुपए का है.

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