यमुना नदी उफान पर, हरियाणा के निचले इलाकों में अलर्ट जारी

दिल्लीः पहाड़ों में रुक रुककर हो रही बारिश से यमुना नदी उफान पर आ गई है. जिससे हरियाणा और दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गुरुवार सुबह 6 बजे से अचानक यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया. 8 बजे हथिनी कुंड बैराज से 1 लाख 82 हज़ार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. इसके चलते हरियाणा के निचले इलाकों में अलर्ट घोषित किया गया है. 70 हजार क्यूसेक के बाद मिनी फ्लड का अलर्ट जारी होता है. यह पानी करीब 72 घंटे बाद दिल्ली पहुंचेगा.

मौसम में एक बार फिर बदलाव हुआ है। अब प्री मानसून गतिविधि उत्तर भारत की पहाड़ियों तक ही सीमित रहेंगी। मैदानी इलाकों में केवल एक-दो जगह ऐसी गतिविधियां संभव हैं। नतीजतन, 27 जून के बीच उत्तरी मैदानी इलाकों और पहाड़ियों पर भी बारिश नहीं होगी। इसके बाद 28 जून के आसपास बारिश तेज हो जाएगी। वहीं अगले सप्ताह उत्तर भारत में कुछ बारिश हो सकती है। यह बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए बेहतर आधार तैयार करेगी। इसके बाद जल्द मानसून की बारिश हो सकती है।

क्षेत्र में वीरवार को एक बार फिर मौसमी बदलाव के चलते तापमान में बढ़ोत्तरी का दौर भी शुरू हो गया। इसके चलते अधिकतम और न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। माना जा रहा है कि अभी कम से कम चार दिन यही स्थिति बनी रह सकती है। इसके बाद नए सिरे से बारिश का सिलसिला चलेगा, जिसके साथ ही मानसून भी उत्तरी भारतीय राज्यों में दस्तक दे देगा।

देश के अन्य हिस्सों की बात करें तो फिलहाल एक अपतटीय ट्रफ रेखा के प्रभाव से महाराष्ट्र तट से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर पर एक मध्य-स्तरीय चक्रवाती परिसंचरण और निचले क्षोभमंडल स्तरों में पश्चिमी तट के साथ तेज पछुआ हवाएं चलने की संभावना है। इसी तरह कर्नाटक, कोंकण और गोवा में गरज और बिजली के साथ व्यापक वर्षा के आसार हैं। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, केरल और लक्षद्वीप सहित अगले पांच दिन में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में काफी वर्षा हो सकती है।

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