लखनऊ में स्वाइन फ्लू का मामला आया सामने, जाएं कैसे करे बचाओ

दिल्लीः राजधानी लखनऊ में स्वाइन फ्लू का प्रवेश हो चुका है. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एक डॉक्टर में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. डॉक्टर को गंभीर हालत में केजीएमयू में ही भर्ती कराया गया है. अब उनकी हालत काफी बेहतर है. पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर को शुरुआत में बुखार था. हालत गंभीर होने पर उनको केजीएमयू में भर्ती कराया गया. जांच में स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई. विश्वविद्यालय की संक्रामक रोग इकाई में उनका इलाज किया जा रहा है. एक या दो दिन में उनको छुट्टी दे दी जाएगी.

एच1एन1 टाइप ए इन्फ्लूएंजा एक वायरल इंफेक्शन है, जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला था. अब, यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है. स्वाइन फ्लू के लक्षण नियमित इन्फ्लूएंजा से बहुत मिलते-जुलते हैं. इसमें बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, दस्त, खांसी और छींक आने जैसे लक्षण शामिल हैं. फ्लू सीजन में बेसिक हाइजीन का ख्याल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है. स्वाइन फ्लू के कई मामले गर्मी और मानसून सीजन में बढ़ जाते हैं. हालांकि, इस बीमारी से बचाव के लिए विभिन्न टीकों के साथ ही कई तरह के एंटीवायरल ट्रीटमेंट भी मौजूद हैं. बेहतर यही होगा कि इन दवाओं का सेवन डॉक्टर की देखरेख में ही की जाए.

स्वाइन फ्लू में तेज बुखार के साथ खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, थकावट, ठंड लगना, उल्टी-दस्त, छाती में दर्द, रक्तचाप में गिरावट, खून के साथ बलगम आना व नाखूनों का नीला पड़ना जैसे लक्षण होते हैं. इससे बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचे, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से दूर रहने तथा नियमित रूप से हाथ साबुन या हैण्डवॉश से धोने की सलाह भी दी जाती है. सर्दी-खांसी एवं जुकाम वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए रूमाल और कपड़ों का उपयोग न करें. और स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर डॉक्टर से जांच जरूर करवाए.

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