शनिवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए होगी वोटिंग, एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का पलड़ा भारी

नयी दिल्ली। शनिवार यानी कि 6 अगस्त को नए उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए चुनाव होगा। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। 11 अगस्त को नए उपराष्ट्रपति शपथ लेंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से जगदीप धनखड़ को उतारा गया है जबकि विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार हैं मार्गरेट अल्वा। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो जगदीप धनखड़ के लिए यह चुनाव बेहद आसान दिखाई दे रहा है और उनकी जीत सुनिश्चित लग रही है। आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट करते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव बैलट पेपर के जरिए किया जाता है। वर्तमान में देखें तो जगदीप धनखड़ के पक्ष में पर्याप्त वोट दिखाई दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 788 वोट डाले जा सकते हैं। इसमें 543 लोकसभा के सांसद और 243 राज्यसभा के सांसद वोट कर सकते हैं। यह गौर करना भी जरूरी है कि राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य भी होते हैं। ऐसे में चुनाव जीतने के लिए 394 वोटों का मिलना जरूरी होता है। वर्तमान में देखें तो भाजपा के पास सांसदों की कुल संख्या लोकसभा में 303 है। वहीं राज्यसभा में 93 हैं। भाजपा अपने दम पर यह आंकड़ा पार कर रही है। इसके अलावा जगदीप धनखड़ को नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल, नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड, वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, एआईएडीएमके जैसे दलों का समर्थन हासिल है।

राष्ट्रपति चुनाव की ही तरह उपराष्ट्रपति चुनाव में भी विपक्ष की एकजुटता दिखाई नहीं दे रही है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है जिसके बाद से जगदीप धनखड़ के लिए आंकड़े और भी मजबूत हो गए हैं। इसके अलावा मायावती, चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस जैसे विपक्षी दल भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने तो यह भी आरोप लगा दिया था कि बिना किसी चर्चा के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का ऐलान विपक्ष की ओर से किया गया था। कुछ ऐसा ही आरोप बहुजन समाज पार्टी की ओर से भी लगाया गया था। हालांकि, मार्केट अगला को कांग्रेस, एनसीपी, उद्धव गुट की शिवसेना, समाजवादी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी जैसे दलों का समर्थन हासिल है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दोनों ही उम्मीदवारों की ओर से विभिन्न राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा गया था। दोनों की ओर से इसके लिए अपने-अपने तारीख कभी रखे गए थे। 

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