पहाड़ों पर अवैध खनन करने वाले माफिया की सक्रियता से आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रहने वालों की चिंताएं बढ़ी

दिल्लीः पहाड़ों पर अवैध खनन करने वाले माफिया से चिंताएं बढ़ी।

कांडा व रीमा के बाद अब खान कारोबारियों का ध्यान कपकोट हिमालयी क्षेत्र की वादियों पर पड़ा है. कई खान व्यवसायियों ने यहां पर खनन पट्टे के लिए आवेदन किया है. ये खनन कारोबारी ऐसे लोगों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट ले रहे हैं जो कई साल पहले गांव छोड़ चुके हैं. जो लोग यहां रह रहे हैं, उनसे कोई राय नहीं ली जा रही.

खनन के लिए पट्टे के आवेदन देने पर ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. जनपद में कपकोट का समूचा क्षेत्र अतिसंवेदनशील है जो कि जोन 5 में आता है. कपकोट के कर्मी, उंगिया, किलपारा, कर्मी आदि गांवों में खड़िया पत्थर की चट्टाने हैं. इस पर कई सालों से खान व्यवसायियों की नजरें लगी हुई है. बताया जा रहा है कि कुछ रसूखदारों ने कपकोट के उंगिया तोक के उपर खनन के लिए आवेदन किया है. जिस जगह खनन के लिए आवेदन दिया गया है उसके नीचे गांव बसा हुआ है. यहां 2012 में भूस्खलन भी हुआ था.

जिस स्थान पर खान के लिए आवेदन किया गया है उसके नीचे ढलान पर नीचे की ओर रिखाड़ी- बदियाकोट मोटर मार्ग भी स्थित है. कपकोट सोराग गांव के उंगिया तोक में प्रस्तावित खड़िया खान का विरोध तेज हो गया है. ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर गांव में खान खोलने की प्रक्रिया के लिए नाराजगी जताई. डीएम को ज्ञापन देकर गांव की सुरक्षा के लिए खड़िया लीज के लिए किए गए आवेदन को निरस्त करने की मांग की गई है._

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