गंगा की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च, फिर भी जीवनदायिनी नदी प्रदूषित क्यों: वरुण गांधी

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वरुण गांधी ने मंगलवार को गंगा नदी में प्रदूषण का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से सवाल किया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत 11,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद यह ‘‘जीवनदायिनी’’ नदी प्रदूषित क्यों है और इसकी जवाबदेही किसकी है?

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, मां है। करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का आधार है मां गंगा। इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ रुपये का बजट बना।अब तक 11,000 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद नदी में प्रदूषण क्यों?’’ 

इस ट्वीट के साथ ही गांधी ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें गंगा नदी के किनारे बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां दिख रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी?’’ उल्लेखनीय है कि बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे पर वरुण गांधी पिछले कुछ समय से अपनी ही पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं।

आरटीआई में गंगा सफाई पर हुए खर्च के सवाल पर मंत्रालय ने सूचित किया कि केंद्र और राज्यों के कार्यक्रम के तहत 2014 से अब तक कुल 3475.46 करोड़ रुपये 2014 से खर्च किए गए हैं जबकि 5298.22 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसमें 2014-15 में 170.99 करोड़ रुपये, 2015-16 में 602.60 करोड़ रुपये, 2016-17 में 1062.81 करोड़ रुपये और सर्वाधिक 2017-18 में 1625.11 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वित्त वर्ष 2018-19 में अब तक 13.95 करोड़ रुपये का खर्च नदी की सफाई में किया जा चुका है। 

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