राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण से प्रभावित हुए अशोक गहलोत, कहा- मैंने उनके एक-एक शब्द सुने है

द्रौपदी मुर्मू भारत के 15वें राष्ट्रपति हैं। उन्होंने आज इस पद की शपथ ली है। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने गरीब कल्याण से लेकर देश के विकास तक की बातों पर चर्चा की। साथ ही साथ इस देश के लोकतंत्र को भी मजबूत बताते हुए कहा कि इसी की वजह से मुझे जैसे सुदूर रहने वाले लोग भी इस संवैधानिक पद पर पहुंच सकते हैं। द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में कई सारे अहम पहलुओं को भी छुआ। द्रौपदी मुर्मू के भाषण को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान सामने आ गया है। अशोक गहलोत ने द्रौपदी मुर्मू के भाषण को बेहद प्रभावी बताया है।

अपने बयान में अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण के एक-एक शब्द से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं। उन्होंने कहा कि एक आदिवासी महिला ने जो अपनी भावना प्रकट की है वो तारीफ के काबिल है। जो उन्होनें आज देश के सामने प्रण लिया है मैं उम्मीद करता हूं कि वे इस पर खरी उतरेंगी। इससे पहले अशोक गहलोत ने द्रोपदी मुर्मू को चुनावी जीत पर भी बधाई दी थी। तब उन्होंने कहा था कि श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को भारत की राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा है श्रीमती मुर्मू भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के संवैधानिक दायित्व का पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करेंगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है और उनका शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में आज भारत के प्रधान न्यायाधीय एन वी रमण ने मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। 

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