केरल : ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामले हुए तेज, रहे सावधान

दिल्लीः केरल के वायनाड जिले के मानन्थावाद्य स्थित दो पशुपालन केंद्रों में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ (एएसएफ) के मामले सामने आए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में नमूनों की जांच के बाद जिले के दो पशुपालन केंद्र के सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई. पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक केंद्र में कई सूअरों की मौत के बाद नमूने जांच के लिए भेजे गए थे. अधिकारी ने कहा, ‘‘ अब उसके परिणाम में इस बुखार की पुष्टि हुई है. दूसरे केंद्र में 300 सूअरों को मारने के निर्देश दिए गए हैं.’’

विभाग ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य ने इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार के आगाह करने के बाद जैव सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया था. केंद्र सरकार ने बताया था बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामले सामने आए हैं. ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ बेहद संक्रामक और घातक बीमारी है. एच1एन1 इन्फ्लूएंजा वायरस (H1NI influenza Virus) के फैलने की बड़ी वजह तेजी से बदलता हुआ मौसम ही होता है. ये बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों और बच्चों को शिकार बनाती है.

वैसे ये हमारे श्वसन तंत्र से जुड़ी संक्रामक बीमारी है. बता दें कि स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है. ये आम फ्लू या सर्दी-जुकाम की तरह ही होती है. खांसने, छींकने या सांस से फैलती है. जब कोई स्वाइन फ्लू मरीज दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे भी ये बीमारी होने की आशंका रहती है. वहीं इसके लक्षण की बात करें तो आमतौर पर सर्दी-जुकाम की तरह ही हैं लेकिन इसमें सांस फूलती है, शरीर दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है.

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