पूर्व जिला पंचायत सदस्य को मृत दिखाकर जमीन कर दी दूसरे के नाम,सीएम योगी से लगाई गुहार

दिल्लीः

बस्ती जिले के हर्रैया तहसील में पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित दर्जनों उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर गुहार लगाई है. पीड़ित पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि सरकारी अभिलेखों में उन्हें मरा दिखाकर जमीन दूसरे के नाम अंकित कर दी गई है. यह मामला तहसील में चर्चा का विषय बन चुका है. बता दें कि कप्तानगंज क्षेत्र के परिवारपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश चंद्र सिंह पेश से एक किसान है.

दरअसल, चर्चित कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले हर्रैया तहसील के कर्मचारियों की एक और करास्तानी सामने आई है. तहसील के एक किसान मुख्यमंत्री सहित दर्जनों उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर गुहार लगा रहे हैं कि ‘साहब, मैं जिंदा हूं! लेकिन तहसील कर्मियों की मिलीभगत से अभिलेखों में उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन दूसरे के नाम पर अंकित कर दी गई है. जीवित किसान को मृत दिखा कर उनकी जमीन एक अजनबी व्यक्ति के नाम अंकित कर देने का मामला सुर्खियों में है. मामला सामने आने के बाद तहसील में हड़कंप मचा हुआ है.

बता दें सपा नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य को सरकारी अभिलेखों में मृत दिखाकर उनकी जमीन दूसरे के नाम करने का मामला सामने आया है. जानकारी होने पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने मामले को लेकर एसडीएम हर्रैया से शिकायत की है. कप्तानगंज क्षेत्र के परिवारपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश चंद्र सिंह का खोभा में खेती व मकान है. सतीशचंद्र के मुताबिक 14 जुलाई को उन्होंने गन्ने का सट्टा बनवाने के लिए महराजगंज के सहज जनसेवा केंद्र से परिवारपुर गांव की खतौनी निकाली तो पता चला कि उनके परिवारपुर गांव के खाता संख्या 68 के गाटा संख्या 198, 213, 252 में उनके हिस्से को आलोक सिंह के नाम वरासत कर दिया गया है.

खतौनी के आदेश वाले कॉलम में सतीशचंद्र की 15 मई 2020 को मौत होना दर्शाया गया है. मौत का हवाला देकर आलोक सिंह नाम के व्यक्ति को उनका पुत्र दर्शाकर जमीन की वरासत कर दी गई. इस मामले की शिकायत सतीश सिंह के पुत्र आनंद सिंह ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम हर्रेया अमृतपाल कौर के अलावा जनसुनवाई पोर्टल भी की है. डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि मामला गंभीर है. इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं. मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब उन्होंने खुद को अभिलेखों में जिंदा करने के लिए तहसील के जिम्मेदारों सहित मुख्यमंत्री तक शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है.

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