“हम स्थापित लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा संवैधानिक ढांचे के माध्यम से स्थिरता एवं आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंकाकी मदद जारी रखेंगे” भारत

दिल्लीः भारत ने बुधवार को कहा कि वह लोकतांत्रिक तरीकों एवं मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा संवैधानिक ढांचे के जरिए स्थिरता और आर्थिक सुधार से संबंधित श्रीलंका के लोगों के प्रयास का समर्थन करना जारी रखेगा।

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग का यह बयान श्रीलंकाई संसद द्वारा अनुभवी नेता रानिल विक्रमसिंघे को गोटबाया राजपक्षे के उत्तराधिकारी के रूप में चुने जाने के कुछ घंटों बाद आया है।

श्रीलंका में अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट को लेकर हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के चलते राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है।

भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा, श्रीलंका के एक करीबी मित्र और पड़ोसी तथा एक साथी लोकतंत्र होने के चलते हम लोकतांत्रिक तरीकों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा संवैधानिक ढांचे के माध्यम से स्थिरता एवं आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंका के लोगों के प्रयास का समर्थन करना जारी रखेंगे।

उच्चायोग ने इससे पहले कहा था कि भारत लोकतांत्रिक तरीकों और मूल्यों, स्थापित संस्थाओं के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं के पूरा होने का समर्थन करता है, और किसी अन्य देश के आंतरिक मामलों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करता है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker