लोकसभा में शिवसेना का नेता बनते ही राहुल शेवाले पर लगा बलात्कार का आरोप
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को एक और बड़ा झटका लगा है। उसके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति निष्ठा दिखाते हुए राहुल शेवाले को निचले सदन में अपना नेता घोषित कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी राहुल शेवाले को संसद के निचले सदन में शिवसेना पार्टी का नेता नियुक्त कर दिया है। लोकसभा सचिवालय से देर रात जारी सर्कुलर में इस फैसले को अधिसूचित किया गया। माना जा रहा है कि शिवसेना के इन 12 सांसदों में से दो को केंद्र में मंत्री पद भी दिया जायेगा। शिवसेना के शिंदे गुट से एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री बनाये जाने की बात सामने आ रही है। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ने इस बगावत को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा है कि हमारे तरकश से भले सारे तीर निकाल लो लेकिन जिस धनुष से तीर चलाये जाने हैं वह हमारे पास ही है।
हम आपको बता दें कि शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल शेवाले को संसद के निचले सदन में पार्टी का नेता नियुक्त करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि निवर्तमान नेता विनायक राउत में उन्हें भरोसा नहीं रह गया है। इससे पहले मंगलवार को दिन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल शिवले को लोकसभा में पार्टी का नेता नामित किया था। शिंदे ने जोर देकर कहा कि 12 लोकसभा सदस्य बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों का पालन कर रहे हैं और वे असली शिवसेना हैं। शिंदे ने कहा, ‘‘शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों द्वारा हमें समर्थन देने के लिए उठाए गए कदम का मैं स्वागत करता हूं। हमारे भाजपा के साथ गठबंधन के रुख को 50 विधायकों ने समर्थन दिया। हमें पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ राज्य के लोगों का भी समर्थन मिला।’’ उल्लेखनीय है कि शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत के एक महीने बाद लोकसभा सदस्यों में दो फाड़ हुआ है।
उधर, शिवसेना के बागी गुट के नेता राहुल शेवाले ने दावा किया कि उन्होंने उद्धव ठाकरे की इच्छा के अनुसार भाजपा के साथ गठबंधन किया है। राहुल शेवाले ने कहा कि उद्धव ठाकरे खुद पिछले साल जून में इसी तरह के प्रयास कर रहे थे लेकिन बाद में पीछे हट गए थे। हालांकि, शिवसेना के ठाकरे धड़े ने शेवाले के दावों को खारिज कर दिया है। मुंबई दक्षिण मध्य से दो बार सांसद रहे शेवाले ने कहा कि शिवसेना के सांसदों ने पिछले साल जून में ठाकरे को भाजपा के साथ इस आधार पर फिर से जुड़ने के लिए कहा था कि अगर कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन जारी रहा तो उनके लिए 2024 का संसदीय चुनाव जीतना मुश्किल होगा। शेवाले ने दावा किया कि ठाकरे ने शिवसेना के सांसदों से कहा था कि वह भी भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के इच्छुक हैं और पिछले साल उस दिशा में काफी प्रयास किए थे। हालांकि, पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किए जाने के फैसले ने भाजपा के साथ गठबंधन को बहाल करने की शिवसेना की इच्छा की ईमानदारी के बारे में भाजपा में संदेह पैदा कर दिया। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने सांसदों को तीन विकल्प दिए थे- भाजपा के साथ गठबंधन, अकेले जाना और कांग्रेस तथा राकांपा के साथ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन जारी रखना। शेवाले ने कहा, “हमने ठाकरे द्वारा सुझाए गए पहले विकल्प को ही चुना है।”